व्लादिवोस्तोक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पुराने दोस्त रहे रूस के दौरे पर हैं। वह रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। यहां व्लादिवोस्तोक में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ गर्मजोशी से मुलाकता की। दोनों नेता एक दूसरे से गले मिले और शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का दौरे के लिए एक साथ बोट में बैठकर रवाना हुए। गौरतलब है कि कि नौसेना के लिए भारत और रूस के बीच चार एडवांस तलवार क्लास युद्धपोत के लिए अक्टूबर 2018 में समझौता किया गया था। जिसमें से दो युद्धपोतों का निर्माण रूस की यांटार शिपयार्ड में किया जा रहा है। जबकि दो अन्य को मेक इन इंडिया के तहत भारत के गोवा शिपयार्ड में बनाए जाएंगे। इन युद्धपोतों में देश में बने सतह पर निगरानी रखने वाले रेडार और ब्रह्मोस ऐंटी शिपिंग और लैंड अटैक मिसाइल लगी होंगी। बता दें कि पीएम मोदी का व्लादिवोस्तोक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खूब शानदार स्वागत किया गया। यहां उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। इसके बाद मोदी व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय पहुंचे, जहां भारतीय प्रवासियों ने शानदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी चार और पांच सितंबर की दो दिवसीय यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत करेंगे। मोदी भारत-रूस के 20वें सालाना शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।
रूस के व्लादिवोस्तोक में व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वी आर्थिक मंच के लिए आपका निमंत्रण मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। यह दोनों देशों के बीच समर्थन को एक नया आयाम देने का ऐतिहासिक अवसर है। मैं कल इसमें भाग लेने का इंतजार कर रहा हूं।पीएम मोदी मंगलवार की रात नई दिल्ली से रूस की दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हुए। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का वहां पर 36 घंटा रूकने का कार्यक्रम है। इस दौरान वे पांच सितंबर को बतौर मुख्य अतिथि पांचवें इकॉनोमिक फोरम को संबोधित करेंगे। व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका एक खास तालमेल है। साथ ही, वह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण चाहते हैं ताकि दोनों देश अन्य देशों को सस्ती दरों पर निर्यात करने के लिए सैन्य उपकरण बना सकें। रूस के सुदूर पूर्व शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।द्विपक्षीय बैठक में रूस और भारत के बीच कई समझौतों पर दस्तखत हुए। इस दौरान पीएम मोदी और पुतिन भी मौजूद रहे।
रूस, भारत में परमाणु उर्जा संयंत्र को स्थापित करेगा। रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों ने साझा युद्धाभ्यास और हथियारों के खरीदफरोख्त को लेकर भी कई समझौते किए हैं। इस दौरान जारी साझा वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे व्लादिवोस्तोक आने वाले पहले भारतीय पीएम होने का सम्मान मिला है। मैं अपने मित्र, राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे यहां आमंत्रित किया। मुझे याद है कि 2001 का वार्षिक शिखर सम्मेलन रूस में आयोजित हुआ था, जब वह राष्ट्रपति थे और मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अटल जी के प्रतिनिधिमंडल में आया था। उन्होंने कहा कि भारत-रूस मित्रता राजधानी तक सीमित नहीं है। हमने लोगों को इस रिश्ते के मूल में रखा है। हमने एक पूर्ण समुद्री मार्ग का प्रस्ताव रखा है जो चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करेगा। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत और रूस दोनों किसी भी राष्ट्र के आंतरिक मामलों में बाहरी प्रभाव के खिलाफ हैं।