चैहल, बिलासपुर :
उपमंडल बिलासपुर में सरस्वती नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित प्राचीन ऐतिहासिक व्यास सरोवर जहां पर महार्षि वेद व्यास जी ने वेदों, ग्रंथों की रचना की उसी सरोवर की जमीन को कब्जा मुक्त कराने व व्यास सरोवर के जीर्णोद्वार के लिए व्यास कुंड समिति ने माननीय उच्च न्यायलय में प्रशासन के खिलाफ गुहार लगाई हैं। व्यास कुंड समिति के प्रधान डा. सुभाष यारा, विजय वष्श्टि पानीपत, नरेशपाल, सुखदेव वर्मा, अशोक धीमान, रिंकु शर्मा, अमित शर्मा, बहादुर राणा आदि ने बताया कि कस्बा बिलासपुर के नाम पहले महार्षि व्यास जी के नाम पर व्यासपुर हुआ करता था। बिलासपुर में राजस्व रिकार्ड में आज भी व्यास कुंड के नाम 19 कनाल 9 मरले जमीन दर्ज हैं। राज्सव रिकार्ड में संकद पुरणा के अुनसार कपालमोचन सरोवर, ऋणमोचन सरोवर एवं व्यास कुंड के नाम जमीन दर्ज है। व्यास सरोवर बहुत प्राचीन ऐतिहासिक सरोवर हैं।
व्यास कुंड के प्रधान डा. सुभाष यारा ने बताया कि व्यास कुंड को आज व्यास सरोवर के नाम से जाना जाता हैं। व्यास सरोवर की जमीन पर कुछ लोगों ने निर्माण कर कब्जा कर लिया है। कुछ लोग व्यास सरोवर को भी बंद करना चाहते हैं। समिति प्रधान ने बताया कि राज्सव विभाग द्वारा व्यास सरोवर की जमीन की पैमाईश करवाकर रिर्पोट अधिकारियों को सौंप दी गई है। व्यास सरोवर की जमीन को कब्जा मुक्त कर व्यास सरोवर के जीर्णोद्वार के लिए व्यास कुंड समिति का गठन किया गया। खंड प्रशासन व जिला प्रशासन से व्यास सरोवर की भूमि को कब्जा मुक्त कर व्यास सरोवर का जीर्णोद्वार करने की गुहार लगाई गई। परन्तु प्रशासन के सुस्त रैवये के चलते व्यास सरोवर की जमीन पर कब्जे हो रहे हैं। प्रशासन से सहयोग ना मिलने पर व्यास कुंड समिति ने माननीय उच्च न्यायलय में सरोवर की भूमि को कब्जा मुक्त करने कब्जाधारियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही करने की गुहार उच्च न्यायलय लगाई हैं। प्रधान सुभाष यारा ने बताया कि जल्द ही व्यास सरोवर की जमीन को कब्जा मुक्त कर सरोवर का जीर्णाद्वार किया जाएगा।