Aaj Samaj (आज समाज), Bihar Jharkhand Crime, पटना/रांची। बिहार में एक टीचर और एक ठेकेदार व झारखंड में माओवादियों ने मुखबिरी के शक में एक शख्स की हत्या कर दी, जिससे तीनों जगह सनसनी फैसल गई। बेगूसराय के बछवारा क्षेत्र में फतेहा पंचायत के तहत आने वाले फतेहा रेलवे स्टेशन के पास बदमाशों ने 70 वर्षीय रिटायर्ड टीचर को आज सुबह सरेआम गोली मार दी है। मृतक की पहचान जवाहर राय के रूप में हुई है और वह रोज की तरह सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। दिनदहाड़े हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।

  • जमीन विवाद को लेकर हत्या की बात सामने आ रही : पुलिस

रंजिश के चलते 70 वर्षीय रिटायर्ड टीचर की हत्या की

बताया जा रहा है कि अपराधियों ने पुरानी रंजिश के चलते फतेहा निवासी टीचर जवाहर राय की हत्या की है। पिछले साल फरवरी में उनके बेटे की भी हत्या कर दी गई थी और इस मामले में जवाहर राय चश्मदीद गवाह थे। गांव के लोगों का कहना है कि जवाहर राय रोज सुबह टहलने के लिए गांव से फतेहा रेलवे स्टेशन की तरफ जाते थे। रविवार सुबह जब वह फतेहा हॉल्ट के समीप सड़क पर मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, उसी दौरान मोटरसाइकिल पर आए तीन नकाबपोश बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी और उसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। जवाहर राय की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद मौके पर मौजूद जांच अधिकारी ने कहा कि जमीन विवाद को लेकर हत्या की बात सामने आ रही है। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।

ठेकेदार की हत्या का मामला मोतिहारी का

ठेकेदार की हत्या का मामला मोतिहारी का है। उसकी पहचान राजीव कुमार के रूप में हुई है। अपराधियों ने वारदात को चकिया थाना चौक पर आज सुबह उस समय अंजाम जब राजीव कुमार सब्जी खरीद रहे थे। राजीव के सीने में दो गोली लगी थीं। वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से 3 खाली खोखे बरामद किए हैं।

झारखंड : मुखबिरी के चलते रांदो सुरीन को मारा

झारखंड में गोइलकेरा मुख्य सड़क कदमडीहा पंचायत के गितिलपी चौक पर भाकपा माओवादियों ने कदमडीहा पंचायत के उप मुखिया डोरसोना सुरीन के बड़े भाई 43 वर्षीय रांदो सुरीन की शनिवार रात करीब आठ बजे धारदार हथियार से हत्या कर शव गितिलपी में सड़क पर फेंक दिया। वारदात के समय भारी संख्या में माओवादी मौजूद थे। माओवादियों ने हस्तलिखित पर्ची छोड़कर एसपीओ के रूप में पुलिस की मुखबिरी करने के लिए मौत का सजा देने की बात कही है। ग्रामीणों में इसके बाद डर का माहौल पैदा हो गया है। रांदो सुरीन, पिता दुर्गा सुरीन, वनग्राम लोवाबेड़ा के निवासी थे।

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