Big update for Liqour lovers : शराब के शौकीनों के लिए बड़ी खबर है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2025 पेश किया, जिसमें जनता के लिए कई तरह की रियायतें दी गईं।

उन्होंने करदाताओं के लिए कई घोषणाएं कीं, जिसमें एक महत्वपूर्ण बदलाव यह भी शामिल है: सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा।

इस कदम से करीब 20-30 करोड़ कामकाजी लोगों को फायदा होगा। दूसरी ओर, बजट में शराब और बीयर की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। हालांकि, शराब पीने वालों को अभी भी अधिक खर्च का सामना करना पड़ सकता है, और जानिए क्यों।

सरकार ने कई वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे तंबाकू, शराब और बीयर जैसे उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। बजट में कई क्षेत्रों में करों में बढ़ोतरी देखी गई है, साथ ही नए आयात शुल्क भी पेश किए गए हैं। आमतौर पर, जब इन करों में उतार-चढ़ाव होता है, तो इसका असर उत्पाद की कीमतों पर पड़ता है।

इस बार बीयर और शराब पर आयात कर कम करने के बजाय, वास्तव में बढ़ा दिया गया है। परिणामस्वरूप, भारतीय ब्रांडों की कीमतों में बहुत अधिक बदलाव नहीं होगा, लेकिन विदेशी ब्रांड महंगे हो सकते हैं। इसलिए, विदेशी शराब का आनंद लेने वालों को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।

Sin Tax क्या है?

इसका प्रभाव तम्बाकू उत्पादों पर भी पड़ेगा, जिसका अर्थ है कि सिगरेट और ई-सिगरेट की कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि, सरकार ने Sin Tax में वृद्धि नहीं की है, जिसका अर्थ है कि बीयर और शराब की कीमतों में कोई खास उछाल नहीं आएगा। Sin Tax उन उत्पादों पर लगाया जाता है जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, और सरकार का उद्देश्य सामाजिक नुकसान को कम करने के लिए उन्हें अधिक महंगा बनाकर उनकी बिक्री पर अंकुश लगाना है।

बजट घोषणा से पहले, फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने सरकार से शराब और आबकारी लाइसेंसिंग नियमों को सरल बनाने का आग्रह किया था। अब, राज्य बजट भी क्षितिज पर हैं।

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