Keypad Phone यूजर्स के लिए बड़ी खबर! सरकार ने कही ये बात, अलग से आएगा रिचार्ज प्लान?

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Keypad Phone यूजर्स के लिए बड़ी खबर! सरकार ने कही ये बात, अलग से आएगा रिचार्ज प्लान?

Keypad Phone: मोबाइल फोन आज हर किसी की जरूरत बन चुका है। लेकिन बढ़ते महंगे रिचार्ज प्लान्स के चलते लाखों यूजर्स, खासकर कीपैड फोन इस्तेमाल करने वाले, परेशान हैं।

यह समस्या उन यूजर्स के लिए और भी बड़ी है, जो केवल कॉलिंग के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं और डेटा प्लान्स की जरूरत नहीं होती। हाल ही में केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर सवाल किया गया, जिसका जवाब सरकार ने साफ-साफ दे दिया है।

कीपैड फोन यूजर्स के लिए नए प्लान्स की उम्मीद नहीं

लोकसभा में पूछे गए सवाल में केंद्र सरकार से पूछा गया था कि क्या सरकार कीपैड फोन इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए सस्ते रिचार्ज प्लान्स लाने की योजना बना रही है? इसके जवाब में केंद्रीय दूर संचार मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अभी ऐसा कोई प्लान नहीं है और न ही इस दिशा में कोई काम चल रहा है।

मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा समय में स्मार्टफोन और कीपैड फोन यूजर्स दोनों के लिए एक जैसे रिचार्ज प्लान्स लागू रहेंगे। सरकार या टेलिकॉम कंपनियां कीपैड फोन यूजर्स के लिए अलग से कोई योजना नहीं बना रही हैं।

महंगे प्लान्स से परेशान यूजर्स का रुख BSNL की तरफ

महंगे रिचार्ज प्लान्स के चलते कई यूजर्स BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) की तरफ रुख कर रहे हैं। रिलायंस जियो, एयरटेल, और वोडाफोन आइडिया जैसी निजी टेलिकॉम कंपनियों ने हाल ही में अपने रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में बढ़ोतरी की है, जिससे कई यूजर्स सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL पर भरोसा जता रहे हैं।

BSNL, अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तेजी से 4G नेटवर्क स्थापित कर रहा है। कंपनी कम कीमत में बेहतर सेवाएं देने की कोशिश कर रही है।

कीपैड फोन यूजर्स के लिए क्या है विकल्प?

जिन यूजर्स को केवल कॉलिंग की जरूरत है और महंगे डेटा प्लान्स नहीं चाहिए, उनके पास निम्न विकल्प हो सकते हैं:BSNL के किफायती प्लान्स: BSNL की योजनाएं निजी कंपनियों की तुलना में सस्ती हैं। सस्ते प्लान्स की तुलना: यूजर्स को विभिन्न टेलिकॉम कंपनियों के प्लान्स का मूल्यांकन कर अपनी जरूरत के अनुसार सबसे सस्ता प्लान चुनना चाहिए।

क्या भविष्य में सरकार कोई कदम उठाएगी?

फिलहाल, सरकार की तरफ से कोई नई योजना की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, यूजर्स के बढ़ते दबाव के चलते उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में इस मुद्दे पर पुनर्विचार हो।