प्रभजीत सिंह लक्की,यमुनानगर :
Big Fraud In Electricity Corporation : बिजली निगम में हुए फ़र्ज़ीवाडे की परतें खुलती जा रही है। यह फ़र्ज़ीवाडों करोड़ों में जाएगा। अब तक क़रीब 90 लाख के फ़र्ज़ीवाडे का खुलासा हुआ है। वहीं तीन केस दर्ज हो चुके है। एसई राजिंदर कुमार ने बताया कि एक केस बिलासपुर में और दूसरा यमुनानगर शहर थाने में दर्ज कराया है। वहीं एक केस पहले से समालखा में दर्ज है। उनका कहना है कि कर्मचारी योगेश लांबा और राघव को सस्पेंड कर दिया है। अन्य को लेकर हैड आफिस लिखा गया है। उनका कहना है कि बिलासपुर में आडिट चल रहा है। जगाधरी डिविज़न में जल्द शुरू होगा। तब पता चलेगा कितने पैसे फ़र्ज़ी तरीक़े से निकलवाए गए।
ऐसे खुली फर्जीवाड़े की परतें (Big Fraud In Electricity Corporation)
बिजली निगम में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा समालखा में हुआ। समालखा के अनिल शर्मा ने पुलिस को शिकायत दी थी कि वह टैक्सी ड्राइवर है। उसके पास एक व्यक्ति आया। उसने कहा कि वह उसे लोन दिला देगा। लोन के नाम पर उसके दस्तावेज लिए, जिसके बाद उसके बैंक खाते में लाखों रुपए ट्रांसफर हुए। लोन दिलाने की बात कहने वाला बाद में कहने लगा कि यह पैसे उसके बैंक खाते में गलती से आ गए हैं, तब उसने पैसे निकाल कर उसे दे दिए। (Big Fraud In Electricity Corporation) जब बाद में उसने अपने खाते की जांच कराई तो पता चला कि यह पैसे बिजली निगम की ओर से भेजे गए थे।
फर्जी वाऊचर बनाकर ट्रांसफर व क्रेडिट किए गए (Latest News Of Electricity Corporation)
इस शिकायत में समालखा पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। पानीपत सीआईए-2 ने जांच कर पाया गया कि टैक्सी ड्राइवर के खाते में जो पैसे आए थे, वह यमुनानगर जिले के बिजली निगम के डिविजन ऑफिस के खाते से ट्रांसफर हुए। (Big Fraud In Electricity Corporation) यह राशि रिटायर कर्मचारियों के विभिन्न प्रकार के फंड के पैसा था, जो किसी दूसरे के बैंक खातों में फर्जी वाऊचर बनाकर ट्रांसफर व क्रेडिट किए जा रहे थे। जिसके खाते में पैसे ट्रांसफर होते थे, उसे भी कुछ हिस्सा दिया जाता था।
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