ाई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर लगतार कहा जा रहा था कि इसे बड़ा झटका लग सकता है। देश की जीडीपी नीचे आ सकती है। कोरोना संक्रमण को देश में रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया। जिसकी वजह से कई दिनों तक काम ठप रहा। फैक्ट्रीयांबंद रहीं। कोरोना संक्रमण के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 3.1 फीसदी तक गिर गई। बीते साल वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी। सांख्यिकी विभाग ने शुक्रवार को जीडीपी डेटा जारी किया जिसमें बीते पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.1 प्रतिशत रही थी। बता दें कि इस समय जीडीपी की स्थिति पिछले आठ साल में सबसे ज्यादा खराब है। सरकार ने पिछले वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के डेटा में सुधार करते हुए कहा है कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 5.2 पर्सेंट, दूसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी से बढ़ी। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में और बड़ी गिरावट तय है। मार्च तिमाही का जो डेटा आया है उसमें लॉकडाउन का एक ही सप्ताह शामिल है। आरबीआई नेजीडीपी 2019-20 में 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
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