आज समाज डिजिटल
नई दिल्ली। एंटीलिया मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बड़ा खुलासा किया है। एनआईए ने मंगलवार को विशेष अदालत को बताया कि ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के लिए 45 लाख रुपये दिए गए थे। जांच एजेंसी ने इसके साथ ही अदालत से इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और 30 दिनों का समय मांगा। इससे पहले विशेष अदालत ने एनआईए को 9 जून को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो महीने का समय दिया था। एनआईए ने विशेष अदालत को बताया कि इस मामले में फंडिंग किसने की थी, वह पता लगाए जाने की जरूरत है। एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि 150 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। एक टीम ने जांच के तहत दिल्ली जाकर भी बयान दर्ज किया। इस मामले में अब तक पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा और सचिन वाझे को गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि बीते 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर के बाहर विस्फोटक से लदी एसयूवी मिलने के बाद हिरेन ने दावा किया था कि वह कार पहले उसके पास थी। लेकिन इसके बाद 5 मार्च को उसकी लाश बरामद की गई। इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा और सचिन वाझे शामिल हैं। अदालत वाजे की उस डिफॉल्ट जमानत याचिका पर भी दलीलें सुनेगी, जिन्होंने दावा किया है कि एनआईए ने निर्धारित समय के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं किया है। एनआईए के अनुसार मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे मामले में मुख्य आरोपी हैं जिन्हें अब बर्खास्त कर दिया गया है। अंबानी की सुरक्षा में चूक और हिरन की हत्या के मामले में अब तक तीन अधिकारियों, एक कांस्टेबल समेत चार पुलिसकर्मी और एक क्रिकेट सट्टेबाज को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों को सेवा बर्खास्त कर दी गई है।