जम्मू-कश्मीर प्रशासन का बड़ा फैसला: अब ‘देशद्रोहियों’ और पत्थरबाजों को न सरकारी नौकरी, न विदेश जाने की मंजूरी

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-kashmir-stone-pelters
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श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर में ‘देशद्रोहियों’ और पत्थरबाजों पर नकेल कसने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पत्थरबाजों और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों पर नकेस कसने के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत ऐसे लोगों को ना तो सरकारी नौकरी दी जाएगी और न ही उनका पासपोर्ट बन पाएगा। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पत्थरबाजों और राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों शामिल रहने वाले लोगों को अब विदेश जाने का मौका नहीं मिलेगा। खबर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को ‘देशद्रोही’ और पथराव करने वालों पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पासपोर्ट मंजूरी पर रोक लगाने, सरकारी नौकरियों का कोई प्रावधान नहीं करने और अन्य प्रतिबंधों वाले आदेश जारी किए। शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने अंग्रेजी वेबसाइट को बताया कि सीआईडी की विशेष शाखा कश्मीर ने सभी इकाइयों और अधिकारियों को इस संबंध में एक आदेश जारी किया है।

साथ ही कहा है जब किसी व्यक्ति की जांच करते हुए उसकी सुरक्षा मंजूरी की रिपोर्ट तैयार करते हैं, तो उस समय यह जरूर ध्यान रखें कि संबधित व्यक्ति किसी भी तरह से पत्थरबाजी, राज्य व राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों, कानून व्यवस्था भंग करने में लिप्त न रहा हो। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई शख्स ऐसी गतिविधियों में शामिल रहता है तो उसे किसी भी तरह से पासपोर्ट या सरकारी सेवा के लिए क्लीयरेंस न दी जाए। बताया जा रहा है कि इसके लिए सभी डिजिटल साक्ष्य और पुलिस रिकॉर्ड को ध्यान में रखा जाएगा। इससे पहले, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) नियमों में एक संशोधन किया था, जिसमें सरकारी नौकरी पाने के लिए एक संतोषजनक सीआईडी रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को यह खुलासा करना अनिवार्य होगा कि क्या परिवार का कोई सदस्य या करीबी रिश्तेदार किसी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़ा है, या किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग लिया है, या किसी विदेशी मिशन या संगठन या जमात-ए-इस्लामी जैसे किसी निर्धारित/प्रतिबंधित/प्रतिबंधित संगठन के साथ तो नहीं जुड़ा है। नए संशोधन के अनुसार, सेवारत कर्मचारियों को सीआईडी से फिर से सत्यापन की आवश्यकता के मामले में नियुक्ति की तारीख से किसी की पोस्टिंग और पदोन्नति का पूरा विवरण प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा किसी के माता-पिता, पति या पत्नी, बच्चों और सौतेले पिता, बच्चे, सास-ससुर, साले और भाभी की नौकरी का विवरण देना होगा।