बाइडेन ने अनवरत युद्ध से वापसी का किया बचाव, एयरलिफ्ट को बताया बड़ी सफलता

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वाशिंगटन। अफगानिस्‍तान में अमेरिका की 20 साल पुरानी सैन्‍य मौजूदगी अब समाप्‍त हो गई है। इसके साथ ही यहां दो दशकों तक चले युद्ध का अंत हो गया और तालिबान ने पूरी तरह अफगानिस्‍तान में सत्‍ता संभाल ली। इस दौरान अफगानिस्‍तान ने जो हिंसा, रक्‍तपात देखा व भुगता, उसने बड़े मानवीय संकट को भी सामने रखा।

अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों को आनन-फानन में वापस बुलाने के अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के फैसले की चौतरफा आलोचना भी हुई, लेकिन राष्‍ट्रपति ने अपने फैसले का बचाव किया और एयरलिफ्ट की प्रशंसा की। राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए अमेरिका ने इस दौरान 1 लाख 20 हजार से अधिक अफगानों, अमेरिकियों और अन्य सहयोगियों को हवाई मार्ग के जरिये संकटग्रस्‍त देश से बाहर निकाला, जो एक असाधारण सफलता है। हालांकि 100 से अधिक अमेरिकी और अफगान अब भी पीछे छूट गए हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि यह एक ‘अनवरत’ चलने वाला युद्ध है और अमेरिका अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर ऐसा ही फैसला नहीं लेने जा रहा था। उन्‍होंने कहा कि मैं इस युद्ध को हमेशा के लिए आगे नहीं बढ़ाने वाला था और मैं हमेशा के लिए सैनिकों की सैन्‍य वापसी का विस्तार नहीं करने जा रहा था। अफगानिस्‍तान से सैन्‍य वापसी के अपने फैसले को लेकर मुश्किल सवालों का सामना कर रहे बाइडेन ने व्हाइट हाउस से अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि यहां से सैन्‍य वापसी की योजना चाहे जब भी बनाई गई होती, हिंसा को टालना मुश्किल होता। उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा कि जो लोग अफगानिस्तान में तीसरे दशक के युद्ध की बात कर रहे हैं, उनसे पूछना चाहता हूं कि क्‍या इसमें महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित क्या है? उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अफगानिस्तान में हजारों अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने और अरबों डॉलर खर्च करने से अमेरिका की सुरक्षा में इजाफा हुआ है।