पंकज सोनी, भिवानी :
आज भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन हरियाणा सम्बंधित एआईयूटीयूसी के बनैर तले यूनियन के प्रधान वजीर सिंह व सचिव राजकुमार बासिया के नेतृत्व में भवन निर्माण कामगारों समेत अन्य असंगठित क्षेत्र के मजदूरों ने अपनी ज्वलन्त मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त भिवानी के मार्फत मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन लेने के लिए उपायुक्त के प्रतिनिधि के तौर पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी मजदूरों के बीच पहुंचे। सभी श्रमिक सुरेंद्र मैमोरियल पार्क के सामने इकट्ठा हुए और सुसज्जित और अनुशासित तरीके से अपनी मांगों के जोरदार नारे लगाते जुलूस की शक्ल में उपायुक्त कार्यालय पर पहुंचे।
प्रदर्शनकारी श्रमिकों को यूनियन के जिला सचिव कामरेड राजकुमार बासिया ने बताया की कोरोनाकाल और भयंकर रूप से बढ़ती महंगाई के इस दौर में मजदूरों का जीना दूभर हो चुका है। हरियाणा सरकार के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के तमाम श्रमिकों के लिए कोरोना लाकडाउन में 5000 रुपए एकमुश्त आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी।
इसी तरह कोरोना से मरने वाले (18 से 50 वर्ष के) नागरिकों के परिवार को दो लाख रुपए देने की घोषणा की थी। हालांकि, यह रकम बहुत कम है। परंतु यह भी नहीं मिल रही है। क्योंकि पोर्टल न खुलने की दिक्कत, फैमिली आईडी से लिंक करने की शर्त समेत अनेक अड़चनें सामने आ रही हैं। इन अड़चनों को दूर करने की बजाय सरकार सिर्फ अपनी घोषणा के ढ़ोल पीट कर वाहवाही लूट रही है। केंद्रीय ट्रेड यूनियन एआईयूटीयूसी के जिला अध्यक्ष कामरेड राजकुमार जांगड़ा ने बताया कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने कोरोना के दौरान मजदूर अधिकारों को समाप्त करने के लिये 44 कानूनों को हटा कर चार ऐसे लेबर कोड बना दिये, जिनसे मजदूरों के लिए जो पहले के कानूनों में थोड़ी बहुत सामाजिक सुरक्षा थी वो भी समाप्त हो जाएगी। देश के श्रमिक बड़े-बड़े कॉरपोरेटों के गुलाम बन कर रह जाएंगे। इन लेबर कोड से काम करने का समय 8 घण्टे की बजाए 12 घण्टे हो जाएगा मजदूरों के यूनियन बनाने का अधिकार सहित विरोध करने का अधिकार भी समाप्त हो जाएगा । कोरोना की वजह से काम धन्धे सब चोपट हो गए हैं और महंगाई अलग से मारने लग रही हैं । सरसों के तेल के दाम 200 रू लीटर तक पहुंचना और इसी तरह से डीजल, पेट्रोल, रसोई-गैस सहित जरूरी सामानों के दाम बेरोकटोक बढ़ने से जीना मुश्किल होता जा रहा है। आज के प्रदर्शन में बलवान, प्रदीप कुमार, जयबीर,कांता , कमलेश, सत्यवान, प्रकाश, सुनील, सुमन,प्रेम, रेखा ,अनिता,रामपाल, सतीश, आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए।
ज्ञापन में निम्नलिखित मांगे रखी गई:
1. कोरोना महामारी में असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कम से कम 10 हजार रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता जल्द दी जाए। आवेदन की कागजी प्रक्रिया सरल बनाई जाए। फैमिली आईडी की शर्त हटाई जाए और मजदूरों की स्व-घोषणा स्वीकार की जाए।
2. कोरोना महामारी मे मृतक के परिवार को कम से कम 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। कोरोना महामारी के दौरान तमाम मौतों को कोरोना संक्रमण से मौत के रूप में मानकर पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दी जाए। आयु सीमा की शर्त हटाई जाए।
3.भवन निर्माण मजदूरों का पंजीकरण सरल किया जाए।
4.लम्बे अरसे से किये गये आवेदनों पर भवन निर्माण मजदूरों के हितलाभ तुरन्त दिए जाएं। एक निश्चित अवधि के भीतर हितलाभ भुगतान के नियम बनाए जाएं।
5. श्रमिक विरोधी चार लेबर कोड,तीन काले कृषि कानून व बिजली बिल 2020 (संशोधित)तुरन्त रदद् किए जाएं।