भिवानी : बुराईयों को त्यागना ही सही मायने में व्रत है

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पंकज सोनी, भिवानी :

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की गीता पाठशाला में राजयोगिनी बीके रक्षा बहन ने उपस्थित बहनों को व्रत की महता का अर्थ समझाते हुए बताया कि व्रत एक या दो समय अन्न का सेवन न करने को व्रत नहीं कहेंगे बल्कि आज के समय में बहुत सी ऐसी बुराईयां हैं। जिनका व्रत लेकर के हम अपने परिवार व समाज को एक अच्छी दिशा दे सकते हैं। बुराईयों को त्यागना ही सही मायने में व्रत है। व्रत से हमारा जीवन तो सुदृढ बनेगा ही एवं हमें अनेक प्रकार की  बीमारियों से भी निजात मिलेगी। क्योंकि कहते हैं जैसा खाएंगे अन्न वैसा होगा मन। इस अवसर पर बीके वंदना ने योग की टिप्पस देते हुए कहा कि योग हमारे जीवन को पवित्रता की ओर अग्रसर करता है और अनेक प्रकार की असाद्धय ब्ीामारियों से निजात दिलाने का काम करता है तथा परमात्म प्रेम की अनुभूति कराता है। इस मौके पर बीके प्रेम बहन ने आई हुई बहनों का स्वागत किया और व्रत व योग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर बीके मीडिया प्रभारी धर्मबीर सहित अनेक ब्रह्माकुमार-कुमारी उपस्थित रहे।