भिवानी: महाकालेश्वर मंदिर धाम में हवन-यज्ञ एवं भंडारे का आयोजन

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Agriculture Minister presented a picture of the temple temple
Agriculture Minister presented a picture of the temple temple

 

पंकज सोनी, भिवानी

स्थानीय रोहतक रोड़ स्थित महाकालेश्वर मंदिर धाम में हवन-यज्ञ एवं भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से महाकालेश्वर मंदिर धाम के संस्थापक श्रीश्री भोलाराम महाराज जी भी मौजूद रहे। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया व महाराज जी का आर्शीवाद पाया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री जेपी दलाल भी पहुंचे तथा उन्होंने श्रीश्री भोलाराम महाराज जी का आर्शीवाद लिया। इसस पहले श्रद्धालुओं ने कृषि मंत्री को मंदिर धाम का चित्र भेंट किया। इस मौके पर श्रद्धालुओं को परिवार रक्षा भभूती भी वितरित की गई। इस मौके पर श्रीश्री भोलाराम महाराज जी ने बताया कि यहां पर हवन-यज्ञ एवं भंडारे का आयोजन कर श्रद्धालुओं को परिवार रक्षा भभूती वितरित की गई हैं। उन्होंने कहा कि परिवार रक्षा भभूती एक तरह से संजीवनी का काम करती है तथा किसी भी बीमारी की नाशक हैं। महाराज ने कहा कि हवन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कुछ लोग हवन को नास्तिकता से जोडक़र देखने लगते हैं, जबकि यह गलत है। हवन-यज्ञ को एक पवित्र कार्य के रूप में देखा जाना चाहिए।

वही कार्यक्रम में पहुंचे कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हिंदु संस्कृति संत-महात्माओं का आर्शीवाद भगवान के दर्शन के बराबर हैं। इसीलिए हमे सभी संतों का सत्कार करना चाहिए। वही कृषि मंत्री ने कहा कि हिंदु संस्कृति में हवन का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि एक तो हवन से नकारात्मकता दूर होती है तो वही दूसरी तरफ हवन से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाता हैं। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष शंकर धूपड़ व भाजपा के पर्यावरण संरक्षण विभाग के जिला प्रमुख अमित कौशिक ने कहा कि दुनिया के सबसे प्राचीनतम ऋग्वेद में हवन के बारे में जो बताया गया है, उसे आज के वैज्ञनिक भी मानते है। यही कारण है कि पुरानकाल से चली आ रही परंपरा को आज भी लोग मानते है तथा उन्हे निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हवन से वातावरण में मौजूद कीटाणु, बैक्टीरिया खत्म होते है, यही कारण है कोरोना काल में बार-बार हवन करने के लिए आह्वान किया गया था। इस मौके पर मंदिर धाम के अनेक भक्तगण मौजूद रहे।