भिवानी : मूलभूत सुविधाओं मांग को लेकर नप वाईस चेयरमैन ने प्रशासन व सरकार का जताया विरोध

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Deputy President Mamanchand
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पंकज सोनी, भिवानी :

शहर की दुर्दशा मूलभूत सुविधाओं के अभाव के विरोध में शहर की छोटी सरकार के उपप्रधान व जननायक जनता पार्टी के शहरी अध्यक्ष मामनचंद प्रशासनिक अधिकारियों के विरोध में उतर आए है। उपप्रधान मामनचंद ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आज शहरवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। शहर के लोग समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो रहे है, लेकिन प्रशासन के अधिकारी सिर्फ एसी में बैठे रहते है, उन्हे जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। भिवानी जिला में बिजली, पानी, सड़क व स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग को लेकर नगर परिषद के उपप्रधान मामनचंद ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के बाद भी भिवानी में प्रशासनिक अधिकारी लापरवाह होकर चैन की नींद सो रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले जिले में वैक्सीन के स्टाक को पूरा किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शहर के सफाई व्यवस्था, सडक व्यवस्था, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी तरस रहे हैं, जिसको लेकर भी जिला प्रशासन द्वारा कोई व्यापक कदम नहीं उठाए जा रहे। इसके साथ ही मामनचंद ने कहा कि नगर परिषद द्वारा संचालित नंदीशाला में यदि दानवीर हरा चारा या अन्य कुछ दान करते है तो उस पर भी मार्केट कमेटी द्वार फीस वसूली की जा रही है, जो कि सरासर गलत हैं।

उन्होंने कहा कि शहर में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर वे कई बार जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिले है, परन्तु आज तक शहरवासियों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली के आज शहर की दुर्गति हो रही हैं। शहर में बारिश आने के बाद अधिकारियों की नींद खुलती है तथा वे निरीक्षण करने के लिए शहर में निकलते हैं। उन्होंने कहा कि आज अधिकारियों की लापरवाही की वजह से शहर दस मिनट की बारिश में भी पानी-पानी हो जाता है। उन्होंने बिजली विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते आज बिजली उपभोक्ता खासे परेशान नजर आ रहे हैं। बात करे सीवरेज व्यवस्था की तो शहर में हर जगह सीवरेज टूटे पड़े है, जिसके कारण लोग बदबूमय जीवन जीने को मजबूर हैं। वही पानी सप्लाई ने तो शहर का बुरा हाल किया हुआ है। शहर में कई-कई दिनों तक पानी सप्लाई नहीं की जाती और जब की जाती है तो दूषित पेयजल सप्लाई की जाती है, जिसके कारण लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना की समय पर किश्त नहीं, बारिश में भी तप्पड़ लगाकर गुजारा चलाने को मजबूर है। जिससे लाभार्थी अपने आप को ठगा सा महसूस करते है। जिसके चलते लाभार्थी इस योजना को प्रधानमंत्री उजाड़ योजना का नाम दे रहे है। इसके साथ ही पिछले चार माह से मकानों व दुकानों की रजिस्ट्री ना होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि शहरवासियों की मूलभूत समस्या का सुधार करे तथा कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर नि:शुल्क वैक्सीन का प्रबंध करे, अन्यथा वे शहरवासियों के साथ मिलकर आंदोलन छेडने को मजबूर होंगे।