(Bhiwani News) भिवानी। देश के संविधान निर्मात्री सभा के सचिव डा. रत्नप्पा कुंभार बाबा साहब के विशेष सहयोगी बने। जिन्होंने डा. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में सचिव पद का बखूबी निर्वहन किया तथा वरिष्ठ सदस्य के रूप में ड्रॉफ्ट पर हस्ताक्षर किए। यह बात भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मामचंद प्रजापति ने स्वतंत्रता सेनानी, संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पद्मश्री डा. रत्नप्पा कुंभार की जयंती पर भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गनाइजेशन, श्रीदक्ष प्रजापति सेवा समिति एवं श्रीदक्ष प्रजापति महासभा हरियाणा द्वारा रविवार को स्थानीय हनुमान गेट स्थित प्रजापति धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
संविधान में सामाजिक समरसता और भाईचारे के बीज डा. रत्नप्पा के अनुभवों की ही देन : मामनचंद
इस दौरान उपस्थित सभी लोगों ने डा. रत्नप्पा कुंभार के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मामचंद प्रजापति व भिवानी डाकघर अधीक्षक संजय वर्मा ने कहा कि देशभक्त डा. रत्नप्पा कुंभार स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया।
उन्होंने बताया कि डा. रत्नप्पा का जन्म 15 सितंबर 1909 को मराठा कुंभार परिवार में हुआ था। देश के संविधान को बनाने में उनका योगदान किसी भी स्तर से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में सामाजिक समरसता और भाईचारे के बीज उनके अनुभवों की ही देन है। सर्व समाज कार्य के लिए 1985 में उन्हे पदम्श्री की उपाधि से नवाजा गया। इस मौके पर भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गनाइजेशन के सह संस्थापक रमेश टांक ने कहा कि डा. रत्नप्पा कुम्भार ने अपने कार्यकाल में औद्योगिक एवं कृषि क्रांति के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए। डा. रत्नप्पा की जीवनी की स्कूली किताबों में पढ़ाए जाने की जरूरत है, ताकि देश का प्रत्येक नागरिक उनकी जीवन गाथा, त्याग एवं संघर्ष से रूबरू हो सकें।
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