Bhiwani News :गांव मांड़ोला में, बाबा केसरिया का तीन दिवसीय मेला शुरू 

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Three day fair of Baba Kesariya started in village Mandola
गांव मांडोला में धार्मिक आस्था का केंद्र बाबा केसरिया मंदिर का मुख्य द्वार।  
(Bhiwani News) सतनाली। खंड के गांव मांड़ोला स्थित बाबा केसरिया मंदिर में तीन दिवसीय वार्षिक मेला शुरू हो गया हैं बाबा केसरिया का मंदिर सतनाली क्षेत्र व सीमावर्ती राजस्थान राज्य के लोगों के लिए धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है तथा बड़ी संख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए यहां उमड़ते है। बाबा केसरिया मंदिर में बाबा की मढ़ी सांप के काटे व्यक्तियों की जीवन रक्षा के लिए वरदान साबित हो रही है। बताया जाता है कि गांव में बाबा केसरिया की मढ़ी पर व्यक्ति के शरीर से सर्प विष उतर जाता हैं और वह व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर नया जीवन प्राप्त कर लेते हैं। सर्पदंश से पीड़ित हजारों लोग अब तक यहां आकर सर्प विष से मुक्त हो चुके हैं। गांव में केसरिया बाबा की एक मढ़ी है जहां सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को लिटा दिया जाता है, इसके साथ ही व्यक्ति के शरीर से सर्प विष उतारने शुरू हो जाता है। चंद ही मिनटों में सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति के शरीर से विष का प्रभाव समाप्त हो जाता हैं। बाबा की मढ़ी के साथ ही एक जाटी का पेड़ भी है। गांव के बुजुर्ग बताते है कि इस पेड़ में एक सफेद सांप रहता है जो कभी-कभार ग्रामीणों को दर्शन भी देता है। इस सांप के दर्शन शुभ माने जाते है। ग्रामीण इस सफेद सर्प को साक्षात बाबा केसरिया का रूप मानते हैं, जिनकी कृपा से सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति के शरीर से विष उतर जाता हैं।

यह कथा है प्रचलित:-

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि गांव के एक व्यक्ति की गोगाजी में आस्था थी। एक बार गोगामेड़ी में देवस्थल पर उसकी मुलाकात एक संत से हुई। संत उसकी आस्था व भावना से प्रभावित हुए और उन्होंने जांट के वृक्ष की एक टहनी तोडक़र उस व्यक्ति को देते हुए कहा कि यह टहनी अपने गांव में लगा देना। टहनी लगा देने के बाद यह हरी हो जाए तो बाबा केसरिया की कृपा दृष्टिï इस पेड़ के साथ रहेगी। जिस गांव में यह टहनी पेड़ का रूप लेगी उस गांव में सर्पदंश से पीड़ित कोई भी ग्रामीण दम नही तोड़ेगा। संत द्वारा दी गई टहनी को उस व्यक्ति ने गांव में लगाया तथा वर्तमान में यह टहनी पेड़ का रूप ले चुकी है। बाबा के भक्तों ने इस पेड़ के नीचे एक मढ़ी का निर्माण करवाया, जिस पर सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को लिटाया जाता है और पीड़ित का विष उतर जाता है। वर्तमान में यह मढ़ी धार्मिक आस्था का केंद्र बन चुकी है और ग्रामीण इस मंढ़ी पर केसरिया बाबा का प्रसाद चढ़ाते है एवं धोक लगाते है। महाशिवरात्रि व श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गोगा नवमी पर्व पर मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों श्रद्धालु शिरकत कर पूजा अर्चना करते है। बाबा केसरिया मंदिर अब धार्मिक आस्था का केंद्र बन चुका है।

बाबा केसरिया मेला शुरू:-

गांव मांडोला में बाबा केसरिया का तीन दिवसीय मेला 23 अगस्त से शुरू हो गया है। मेलें में हरियाणा, राजस्थान के दर्जनों गांवों के लोग शिरकत कर पूजा अर्चना करते है वहीं मेलें में बाबा के विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। मेले के दौरान आयोजित किए जाने वाले कुश्ती दंगल व अन्य खेल प्रतियोगिताएं आकर्षण का केंद्र रहती है। मेले का समापन 25 अगस्त को किया जायेगा। तीन दिवसीय मेले के दौरान हजारों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना के चलते मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं की जाती है।