Bhiwani News : किसानों में फसल कटाई व निजी स्कूलों में दाखिलों के लिए मची भाग दौड़

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Bhiwani News : किसानों में फसल कटाई व निजी स्कूलों में दाखिलों के लिए मची भाग दौड़
खेत में सरसों की फसल की कटाई में जुटे किसान।
  • मजदूरी बढ़ी पर नहीं मिल रहे मजदूर, स्कूल संचालक घर घर दे रहे दस्तक

(Bhiwani News) लोहारू। मौसम में बदलाव की संभावना व मजदूरों की अचानक बढ़ी मजदूरी ने किसानों को संशय में डाल दिया है तथा किसान दिन-रात एक करके फसल कटाई में जुटे हुए है। मौसम विभाग द्वारा भी मौसम के करवट लेने की चेतावनी के बाद क्षेत्र के गेहूं उत्पादक किसानों को एक बार फिर भारी चिंता में नजर आ रहे है। खेतों में पककर खड़ी सरसों की फसल की कटाई के लिए किसानों के समक्ष मानसिक व आर्थिक परेशानी उत्पन्न कर दी है।

किसानों को मजबूरीवश मजदूर लगाकर फसल की कटाई करवानी पड़ रही

ऐसे में किसान जल्दी से जल्दी फसल की कटाई करने में जुट गए हैं। कम समय में अधिक काम करने के चक्कर में किसानों को मजबूरीवश मजदूर लगाकर फसल की कटाई करवानी पड़ रही है। किसान ओमप्रकाश, परमजीत, किशनलाल, सुरेंद्र सिंह, सुनील आदि ने बताया कि जब तक फसल घर नहीं पहुंच जाती, तब तक रिस्क ही रिस्क है। खेतों में अभी सरसों की 90 प्रतिशत फसल खेतों में है।

कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो अब बरसात, अधंड फसल के लिए काफी नुकसानदायक है। खेतों में गेहूं की फसल भी पकाव की ओर है तथा ऐसे में तेज हवा व अधंड़ से गेहूं की बालियों में बने गेहूं झड़ जाएंगे तथा बरसात से फसल भीगने से दाने भी खराब होने का डर है। उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल कटाई अभी शुरू नहीं हुई है तथा अगले सप्ताह में गेहूं की कटाई भी शुरू हो जाएगी।

बढ़ी मजदूरी पर नहीं मिल रहे हैं मजदूर

गत वर्ष की तुलना में अबकी बार मजदूरों ने भी अपनी मजदूरी बढ़ा दी है। मौसम के हाथों विवश किसानों को बढ़ी हुई मजदूरी पर भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं। किसानों सुमेर सिंह, रघुबीर सिंह आदि ने बताया कि पहले मजदूर 450 से 500 रूपए में दिहाड़ी पर मिल जाते थे, लेकिन उन्होंने भी अपनी मजदूरी 100 से 150 रुपए तक बढ़ा दी है।

इस कारण 8 घंटे के काम के बदले एक मजदूर को साढ़े 600 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं वहीं मजदूरों को घर से लाने व ले जाने की जिम्मेवारी भी किसान को उठानी पड़ रही है। ऐसे में बार-बार किसानों पर मार पड़ रही है।

स्कूल संचालकों ने दी किसानों के घर दस्तक:

किसान खेतों में फसलों की कटाई के काम में व्यस्त हो रहे है और निजी स्कूलों के संचालक व अध्यापक बच्चों के दाखिले के लिए उनके पीछे-पीछे घूम रहे है। किसानों की फसल की कटाई को लेकर मारामारी शुरू हो गई है, वहीं गुरूजनों की बच्चों के दाखिले को लेकर भाग-दौड़ जारी है।

बदलते मौसम के मिजाज से चिंतित किसान फसल कटाई के लिए दिन-रात एक कर रहे है। वहीं निजी स्कूल मालिक अपने स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में बच्चों के दाखिले के लिए देर रात तक किसानों के चक्कर काट रहे है, उन्हे डर है कि कहीं दूसरे स्कूल वाले बाजी न मार जाएं। देर रात किसान हारे-थके सोना चाहते है, लेकिन उनकी नींद में खलल डालने के लिए कोई न कोई गुरूजन टपक ही पड़ता है। एक ओर जहां फसल की कटाई का काम चल रहा है, वहीं बच्चों के नए दाखिले को लेकर स्कूलों में प्रतिस्पर्धा का दौर जोर पकड़ रहा है।

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