- गेहूं की पत्ती पीली पड़ने पर जिंक 21 प्रतिशत का करें छिडक़ाव: डॉ. विनोद सांगवान
- 26 दिसंबर तक मौसम इसी प्रकार बने रहने का अनुमान
(Bhiwani News) लोहारू। बीती रात्रि को मौसम ने अचानक यू टर्न लिया जिसके कारण हुई हल्की बारिश व ठंड रबी की फसल के लिए संजीवनी का काम करने वाली है। इस समय खेतों में रबी की फसलें तैयार हो रही है। सरसों, गेहूं, चने व सब्जी की फसलों के लिए हुई हल्की बरसात वरदान साबित हो सकती है।
दरअसल इस वक्त रबी की फसलों को सिंचाई की जरूरत होती है। यह बरसात रबी की फसल में प्राकृतिक खाद का काम करने वाली है। हल्की बारिश से किसान प्रसन्न हुए लेकिन बरसात की मात्रा बहुत कम हुई फिर भी फसलों में जान आ गई है। वहीं दिनभर चली सर्द हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ गई।
फसलों को निश्चित रूप से फायदा मिलने वाला है
उल्लेखनीय है दिसंबर माह में अमूमन बरसात हो जाती है परंतु इस बार एक दिन को छोडक़र कोहरा भी देखने को नहीं मिला जिसके चलते किसानों की फसले सूखी ठंड के कारण मुरझाने लग गई थी। किसान विनोद शर्मा, प्रभु काजला, राजबीर सांगवान, रणधीर सांगवान, जोगेन्द्र, बलावन सिंह, सुरेश शेखावत, रवींद्र कस्वां, सुमेर भूरिया, राजकुमार कस्वां, लिल्लू शर्मा, राजेश बरालु, राजेश सिंघानी आदि न बताया कि इस रबी के सीजन में अभी तक कोहरे की एवं बरसात की देखने को नहीं मिली है।
रविवार को छोड़ दिया जाए तो धुंध का कहीं नामोनिशान नहीं है। परंतु बीती रात्रि को हल्की सी बरसात के कारण ठंड में इजाफा हुआ है इससे उनकी फसलों को निश्चित रूप से फायदा मिलने वाला है।
यूरिया का छिड़काव जरूरी
कृषि अधिकारी डॉ. विनोद सांगवाने ने बताया कि मौसम में आए बदलाव के साथ ही हुई रिमझिम बारिश से जहां रबी फसल को संजीवनी मिली है वहीं तेज हवाओं की वजह से अधिकतम तापमान मेें गिरावट दर्ज की गई है। चाहे अगेती व पछेती रबी की फसल की बात की जाए हल्की बरसात फसल के लिए फायदेमंद है।
गेहूं और सरसों की फसलों में यूरिया का छिड़काव जरूरी है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में करीब 2 एमएम बरसात दर्ज हुई है और अधिकतम तापमान में करीब 4 डिग्री की गिरावट आई है अधिकतम तापमान 21 डिग्री से 17 डिग्री पर आ गया जो रबी की फसल के लिए उपयोगी है।
कृषि अधिकारी डॉ. विनोद सांगवान ने बताया कि नाइट्रोजन अत्यधिक गतिशील होने के कारण निचली पत्तियों से ऊपरी पत्तियों की ओर चला जाता है, इसलिए गेहूं की निचली पत्तियां पीली हो जाती हैं। यह कोई बीमारी नहीं है ये पौधे समय के साथ ठीक हो जाते है इसके लिए ढाई किलो यूरिया आधा किलो जिंक 21 प्रतिशत मात्रा में 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर इससे निजात मिल जाएगा।
इसके साथ ही अत्यधिक ठंड से गेहूं सरसों एवं अन्य फसलों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई करनी चाहिए, यथासंभव खेतों के किनारे मेड़ आदि पर धुआं करें। इससे पाला का असर काफी कम पड़ेगा। इससे फसल को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी की गई मौसम पूर्वानुमान की एडवाइजरी
कृषि मौसम विज्ञान विभाग चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी की गई मौसम पूर्वानुमान की एडवाइजरी के अनुसार राज्य में पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 24 दिसंबर से 26 दिसंबर तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहने तथा उत्तरी व उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं हल्की गति से चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान राज्य के कुछ एक क्षेत्रों में अल सुबह धुंध या स्मॉग रहने की संभावना है। परंतु 26 दिसंबर रात्रि से एक और पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से राज्य के मौसम में फिर से बदलाव से हल्की बरसात संभावित है।
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