- अधर्म को खत्म कर व प्रेम भावना को स्थापित करने के लिए भगवान ने लिया था जन्म : श्रीराम सुमरन
(Bhiwani News ) भिवानी। स्थानीय डीसी कॉलोनी स्थित भगवान शिव मंदिर में सात दिवसीय श्रीराम कथा पांचवे दिन श्रीराम जन्म की कथा का वर्णन कथावाचक श्रीराम सुमरन शास्त्री अयोध्यावाले ने किया। इस मौके पर हनुमान ढ़ाणी मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज का कथा में पहुंचने पर वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील शर्मा दादरीवाले ने स्वागत किया। श्रीराम जन्म की कथा सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। इस दौरान पूरा पंडाल श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा तथा माहौल पूरी तरह से भक्तिमय रहा।
श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथा वाचक श्रीराम सुमन शास्त्री अयोध्यावाले ने कहा कि संसार में जो व्यक्ति भगवान का भजन ना कर सकें, वह सबसे बड़ा भाग्यहीन होता है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसीलिए आते है, ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं का आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अधर्म को खत्म कर व प्रेम भावना को स्थापित करने के लिए जन्म लिया था। इस मौके पर महंत चरणदास महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम की कथा मंगलकारी होने के साथ-साथ ही मानव को समस्त विकारों से मुक्त करने वाली कथा हैं। इस अवसर पर संदीप शर्मा एडवोकेट, रोहताश शर्मा, सूरजभान, अर्जुनदास, महाबीर सांगवान, फूलवती, संतोष, लक्ष्मी, प्रेम, मंजू, राजो, उर्मिला सहित अनेक श्रद्धालुगण मौजूद रहे।
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