
- वैश्य महाविद्यालय भिवानी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128 वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनके चित्र के समक्ष किए गए श्रद्धासुमन अर्पित।
(Bhiwani News) भिवानी। सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन पराक्रम दिवस 23 जनवरी को भारत वर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन नेताजी की अदम्य साहस की भावना और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा के सम्मान और उन्हें याद करने के लिए उनकी वीरता का प्रतीक है। हमें उनके विचारों पर चलने की जरूरत है।
नेता जी ने नौकरी के साथ आए आराम और सुख-सुविधाओं को छोड़ कर स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनने का फैसला किया
उनके विचारों को अपनाने का संकल्प उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी यह बात स्थानीय वैश्य महाविद्यालय भिवानी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128 वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनके चित्र के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए वैश्य महाविद्यालय प्रबंधक समिति के महासचिव डॉ.पवन बुवानीवाला ने कही।
उन्होंने कहा कि नेता जी ने देश के लिए अपना योगदान देते हुए नौकरी के साथ आए आराम और सुख-सुविधाओं को छोड़ कर स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनने का फैसला किया। वैश्य महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो धीरज त्रिखा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि सुभाष चंद्र बोस का व्यक्तित्व समाज के लिए आज भी काफी प्रासंगिक है।
नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था
उन्होंने कहा कि नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। उन्होंने कोलकाता से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और भारतीय सिविल सेवा अधिकारी बनकर अपनी क्षमता साबित करते हुए देश हित में अनेकों कार्य किए।
वैश्य महाविद्यालय के डीन एकेडमिक डॉ नरेंद्र सिंह ने पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि नेताजी के आदर्श और बलिदान हर भारतीय को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे. “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा’। जब देश अंग्रेजों के चंगुल में जकड़ा हुआ था तब नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना कर फिरंगियों को चुनौती दी थी।
इस अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में वैश्य महाविद्यालय प्रबंधक समिति के महासचिव डॉ.पवन बुवानीवाला, वैश्य महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो धीरज त्रिखा, डीन एकेडमिक डॉ नरेंद्र सिंह, डॉ प्रदीप भारद्वाज, डॉ अंजु राजन, डॉ प्रोमिला सुहाग, डॉ विपिन गुप्ता, डॉ श्रुति रानी, डॉ कमलेश, प्राध्यापक सुनील कुमार, पवन कुमार, प्राध्यापिका संगीता, कार्यालय अधीक्षक कमल भारद्वाज, उप अधीक्षक अभिषेक कौशिक, रिंकी सहित अनेकों स्टाफ सदस्य उपस्थित रहें।
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