- शहर के लोग मालिकाना हक होने के बावजूद विरोध करने पहुंचे थे
- जमीन पर चारदीवारी का कार्य शुरू, कहा: कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बने मालिक
(Bhiwani News) लोहारू। स्थानीय लघु सचिवालय परिसर के सामने जल तरंग के नजदीक मालिकाना हक के आधार पर समस्त कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मालिकाना हक के आधार पर लोगों के विरोध के बाद भूमि की नींव भरने का कार्य पूरा किया गया।
बता दें इस बात को लेकर शहर के अनेक लोगों ने इसके लिए विरोध जताया था जिसके बाद मौके पर एसडीएम भी पहुंचे थे। मालिकाना हक प्राप्त लोगों ने कहा कि उन्होंने अपनी भूमि के संबंधित सभी दस्तावेज एसडीमए व डीसी को भी दिखाकर अवगत करवाया था। जिसके बाद उक्त भूमि की नींव भरने का कार्य शुरू किया गया है।
पुलिस के पास भी कथित रूप से निर्माण कार्य को रोकने की शिकायत नहीं
उन्होंने कहा कि वे कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं और कानूनी प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालना करते आए हैं। अब पुलिस के पास भी कथित रूप से निर्माण कार्य को रोकने की शिकायत नहीं है जिसके बाद से चारदीवारी का कार्य पूरा कर लिया गया। मालिकाना हक के आधार पर राजेश कुमार, पवन डालमिया, प्रेम सिंह, सतबीर सिंह, मनोज देवी, संजय, कौशल्या, संगीता आदि ने बताया कि जल तरंग के पास की भूमि पर जब उन्होंने नींव भरने का काम शुरू किया तो लोहारू के कुछ लोगों ने कार्य में बेबुनियाद बाधा डालने का प्रयास किया।
भूमि से संबंधित सभी दस्तावेज प्रशासन को दिखाए जा चुके
इस दौरान उनको गाली गलौच भी की गई जिसके उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। इसके लिए वे जल्द ही थाने में उनकी लिखित शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि भूमि से संबंधित सभी दस्तावेज प्रशासन को दिखाए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इस भूमि को उन्होंने खरीद की थी तथा इस भूमि की बाकायदा 2017-18 में तक्सीम करवा कर ततिमा नंबर लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि एनएच अथॉरिटी ने आरओबी के लिए जब भूमि का अधिग्रहण किया था उस समय उनकी भूमि का कुछ हिस्सा अधिग्रहण में गया था जिसकी एवज में केंद्र सरकार से उनको मुआवजा भी मिला था। यदि वे इसके मालिक नहीं होते तो उनको अधिग्रहण के बदले मुआवजा नहीं मिलता।
शहर के वह लोग जो स्वयं सरकारी भूमि पर कब्जा किए बैठे हैं वे ही इस कार्य में बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि कार्य में बाधा पहुंचाने वाले लोगों के बारे में जल्द ही पुलिस को लिखित शिकायत दी जाएगी। राजेश कुमार, रतीराम ने बताया कि उन्होंने जलतरंग की भूमि के चार भाग 29/1, 29/2, 29/3, 29/4 हैं। इसमें से 29/1, 29/2, 29/3 भूमि निजी है जबकि 29/4 की प्रदेश सरकार की मलकियत है।
उन्होंने बताया कि उक्त भूमि का ततिमा भी करवा रखा है जिसका ततिमा नंबर 33/ 29/1, 33/ 29/2, 33/ 29/3 है। शहर के कुछ कब्जाधारी लोगों ने इसका विरोध किया है जिसके चलते आज उक्त भूमि से संबंधित सभी दस्तावेज प्रशासन को भी दिखाए जा चुके हैं और शहर के गणमान्य लोगों को भी दिखाया जा चुका है।
इस भूमि का इंतकाल भी हो चुका है। सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उक्त भूमि पर नींव भरने का कार्य किया जा रहा है। जमीन पर उनकी मलकीयत है वे कानून के दायरे में रहकर कार्य कर रहे हैं इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है।
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