- वर्ष 2000 में पहली बार रक्तदान करने वाले सांगवान के पास करीब 200 विद्यार्थियों की टीम जो हर समय रक्तदान के लिए रहती है तैयार
(Bhiwani News) लोहारू। किसी एक्सीडेंट या सर्जरी के वक्त अगर समय पर रक्त ना मिले, तो जान भी जा सकती है। ऐसे समय में खून देने वाला सबसे बड़ा दानवीर माना जाता है। लोहारू के गिगनाऊ गांव के एक शिक्षक स्टेट अवॉर्डी प्राध्यापक श्याम सुंदर सांगवान ने करीब 24 वर्ष पहले अपने गुरु रक्तदान के शतक लगाने वाले मा. प्यारे लाल सांगवान से मिली प्रेरणा के बाद वर्ष 2000 में रक्तदान करना शुरू किया, जिसके बाद उन्होंने 77 बार रक्तदान किया। इतना ही नहीं आज उनके पास करीब 200 विद्यार्थियों की एक ऐसी टीम है जो हर वक्त रक्तदान के लिए तैयार रहती है। इतना ही नहीं प्राध्यापक श्याम सुंदर सांगवान को प्रदेश भर में 12वीं कक्षा के इतिहास विषय में विशेष योग्यता प्राप्त करने पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा इन्हें नकद छात्रवृत्ति प्रदान की। प्रवक्ता प्रवक्ता श्याम सुंदर सांगवान के उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग और सरकार द्वारा 2010 में इनको राज्य शिक्षक पुरस्कार से तत्कालीन राज्यपाल महामहिम जगन्नाथ पहाडिय़ा, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल द्वारा राजभवन में इन्हें सम्मानित किया गया।
वर्ष 1994 में इन्होंने महेंद्रगढ़ जिला मे प्राथमिक शिक्षक के रूप में सरकारी अध्यापक के रुप में सेवा प्रारंभ किया
उल्लेखनीय है कि निकटवर्ती गांव गिगनाऊ में एक साधारण किसान देवकरण सांगवान के पुत्र श्याम सुंदर सांगवान ने गांव के ही सरकारी स्कूल से माध्यमिक स्तर की पढ़ाई पूरी की और 12वीं कक्षा में कला संकाय में लोहारू तहसील में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1994 में इन्होंने महेंद्रगढ़ जिला मे प्राथमिक शिक्षक के रूप में सरकारी अध्यापक के रुप में सेवा प्रारंभ किया। लगभग एक 7 वर्ष तक प्राथमिक शिक्षक और सीआरसी के पद पर जिला महेंद्रगढ़ के विभिन्न स्कूलों में अच्छे दर्ज की शिक्षा दीक्षा देकर समय-समय पर सम्मानित हुए। अगस्त 2000 में जेबीटी अध्यापक पद से पदोन्नत होकर जिला महेंद्रगढ़ से अपने गृह जिले भिवानी के राजकीय उच्च विद्यालय पाजू में सामाजिक अध्ययन अध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। इनको समाज सेवा का जुनून यहां से शुरू हुआ। वर्ष 2000 में उन्होंने पहली बार अपने गुरू की प्रेरणा से रक्तउान किया। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुडक़र नहीं देखा। आज श्याम सुंदर सांगवान 77 बार रक्तदान कर लोहारू खंड के युवाओं के लिए एक यूथ आइकॉन बन गए। इसी के चलते आज उनके पास युवाओं की एक टीम है जो लगातार रक्तदान के क्षेत्र में नि:स्वार्थ भाव से लगी हुई है। रक्तदान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर इन्हे तत्कालीन जिला उपायुक्त हिसार वाईएस ख्यालिया आईएएस द्वारा सम्मानित किया गया। अब तक श्याम सुंदर सांगवान द्वारा 150 से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन विभिन्न विद्यालयों में करवाया जा चुका है। श्याम सुंदर सांगवान के सानिध्य में युवाओं ने सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेकर अपनी रुचि से गांव में युवा क्लब स्थापित किया स्थापित किया और आगे चलकर उनके प्रयासों से समाज सेवा की मुहिम पूरे क्षेत्र में बढ़ती चली गई।
सामाजिक कार्यों और रक्तदान के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने पर शान ए हरियाणा अवार्ड दिया।
गांव में क्लब के तत्वाधान में वृक्षारोपण, जल संरक्षण,योग, रक्तदान, नेत्रदान, संस्कार निर्माण कार्यशाला, साक्षरता अभियान आदि सभी सामाजिक कार्यों को बिना सरकारी मदद के मूर्त रूप करते रहे। 2017 में दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन द्वारा इनके सामाजिक कार्यों और रक्तदान के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने पर शान ए हरियाणा अवार्ड दिया। 2017 में ही युवा संसद के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने पर एक बार फिर से तत्कालीन महानिदेशक स्कूली शिक्षा डॉक्टर एम एल शर्मा आईएएस ने सम्मान प्रदान किया। 2020 में एक चैनल द्वारा तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामविलास शर्मा द्वारा चाणक्य अवार्ड से विभूषित करवाया। वर्तमान में श्याम सुंदर सांगवान अपने ही गांव के स्वतंत्रता सेनानी चौधरी जगराम रावमा विद्यालय गिगनाऊ में राजनीति विज्ञान के प्रवक्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं। आज रक्तदान, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में इनसे प्रेरणा पाकर के सैकड़ों युवा,इस क्षेत्र में उत्साह के साथ उनके द्वारा प्रारंभ की गई मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: Utter Pardesh News : गाजियाबाद में देश का पहला एआई आधारित आंगनबाड़ी केंद्र शुरू
यह भी पढ़ें: Jind News : हरियाली अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान
यह भी पढ़ें: Jind News : रेलवे बारात घर में हुआ निरंकारी इंग्लिश मध्यम संत समागम का आयोजन