- अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत डा. अशोक गिरी महाराज ने दुर्गा नवमी व विजय दशमी का बताया महत्व
(Bhiwani News) भिवानी। नवरात्रों के समापन पर भिवानी के जहरगिरि आश्रम में विशेष धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। इस मौके पर आश्रम में दुर्गा नवमी एवं विजय दशमी पर 1009 कन्याओ का पूजन कर भोजन करवाया गया और उसके बाद आश्रम के अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत डा. अशोकगिरी महाराज ने सभी कंजको को दक्षिणा देकर सम्मान दिया। इस अवसर पर श्रीमहंत ने जहां दुर्गा नवमी पर प्रकाश डाला तो वही साथ-साथ में उन्होंने विजयदशमी पर प्रकाश डालते हुए और रावण के दो गुणों पर प्रकाश डाला।
दुर्गा नवमी एवं विजय दशमी पर जहरगिरी आश्रम में किया 1009 कन्याओ का पूजन
अखण्ड चण्डी यज्ञ के बारे में बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत डा. अशोक गिरी महाराज ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के अंतर्गत अखंड चंडी यज्ञ का आयोजन किया गया था, जो कि शुक्रवार को जो अरणी मंथन विधि और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दुर्गा नवमी व विजय दशमी के अवसर पर संपन्न हुआ। उन्होंने बताया कि अरणी मंथन के माध्यम से अग्नि प्रज्वलित की गई थी। यह विधि भारतीय संस्कृति में विशेष धार्मिक महत्व रखती है और इसमें यज्ञ की अग्नि को घर्षण विधि से उत्पन्न किया जाता है, जो प्रकृति की ऊर्जा और धार्मिक पवित्रता का प्रतीक है।
डा. अशोक गिरी महाराज ने कहा कि दुर्गा नवमी पर प्रकाश डाला तो वही साथ-साथ में उन्होंने विजयदशमी पर प्रकाश डालते हुए और रावण के दो गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रावण में देव व दैत्य गुण दोनो थे, जिन्होंने सभी देवताओं व तपों गुण से अपने वश में किया था। लेकिन रावण की सबसे बड़ी कमी उसका अंहकार था तथा शक्ति स्वरूप का अपमान किया। जिसके चलते भगवान श्रीराम के हाथों उनका वध किया गया।
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