- धार्मिक, पारिवारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है गौसेवा : निर्मला परमार रिवाड़ीखेड़ा
(Bhiwani News) भिवानी। परिजनों की पुण्यतिथि पर गौसेवा ना केवल धार्मिक, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। गौसेवा से पितृ तृप्ति, धार्मिक पुण्य, सकारात्मक ऊर्जा, आध्यात्मिक विकास में सहायक मानी जाती है। ऐसे में परिजनों की स्मृति में गौसेवा से बड़ा परोपकार ही सबसे उत्तम माना गया है। यह बात रक्षक फाउंडेशन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं इंडियन वेटरन आर्गेनाइजेशन की महिला विंग की जिला अध्यक्ष निर्मला परमार रिवाड़ीखेड़ा ने अपनी माता स्व. भगवती देवी की पहली पुण्यतिथि पर स्थानीय हलवास गेट स्थित गौशाला में गौसेवा करने उपरांत कही।
उन्होंने कहा कि गौसेवा को भारतीय संस्कृति में एक पवित्र कार्य माना गया है और पुण्यतिथि पर इसे करने से आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। मान्यता है कि गौसेवा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है। निर्मला परमार रिवाड़ीखेड़ा ने कहा कि गौसेवा को धर्मग्रंथों में एक उत्तम कर्म माना गया है। इसे पुण्य कर्म माना जाता है जो पूर्वजों की पुण्यतिथि पर विशेष महत्व रखता है।
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