Bhiwani News : एसडीएम को मामले की जांच के लिए एसकेएम ने सौंपा ज्ञापन

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SKM submitted a memorandum to SDM to investigate the matter
मुआवजा राशि वितरण में भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपते किसान।
(Bhiwani News ) लोहारू। लोहारू क्षेत्र के किसानों को खरीफ 2021 के मुआवजा राशि वितरण में हुई गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ने लगा है। शुक्रवार को एसकेएम के बैनर तले किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल भाकियू के खंड प्रधान रविंद्र कस्वां की अगुवाई में एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए मुआवजा पात्र किसानों को दिलाने की मांग की है।

16 जुलाई तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो पंचायत कर एसडीएम कार्यालय का किया जाएगा घेराव

वहीं एसकेएम ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार व प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि 16 जुलाई तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो 17 जुलाई को पंचायत कर एसडीएम कार्यालय का घेराव किया जाएगा। ध्यान रहे कि फरटिया केहर गांव के प्रदीप कुमार ने आरटीआई के तहत अपने गांव के 67 किसानों की खरीफ फसल 2021 की मुआवजा राशि वितरण का रिकॉर्ड मांगा गया था। जिसमें प्रशासन की तरफ से किसान को दी गई उक्त 67 किसानों की मुआवजा वितरण से संबंधित जानकारी में खुलासा हुआ कि किसानों की मुआवजा राशि किसी अन्य लोगों के बैंक खातों में डाली गई है जिसमें पात्र किसानों को वंचित रखा गया है। भाकियू जिला प्रधान मेवा सिंह आर्य आजाद सिंह भूंगला,रवि आजाद, प्रदेश सचिव धर्मपाल बारवास, प्रदेश उपाध्यक्ष खाप 84 प्रधान कर्मबीर, तोशाम प्रधान सुरत सिंह पहलवान, रामसिंह शेखावत, नरेंद्र फरटिया, हवा सिंह बलोदा, जयसिंह, सुमेर सिंह गिगनाऊ, भरत सिंह, इन्द्र सिंह, गोपीचंद, जगत सिंह, धर्मपाल फरटिया, फूल सिंह, उमेद सिंह फरटिया, बंसी, हवा सिंह, अवतार, सतबीर आदि ने बताया कि हरियाणा में किसानों के लिए सरकार ने वर्ष 2021 में खरीफ फसल खराबा का मुआवजा अधिकारियों पटवारियों ने एपीआर तैयार करके फाइनल लिस्ट बैंक में जमा करवाई थी।
किसानों का आरोप है कि इसमें काफी किसानों को वंचित रखा गया लोहारू कस्बे की सीमा से लगते राजस्थान के गांवों में किसानों महिलाओं के बैंक अकाउंट में डाल दिया गया। किसानों कि मांग है कि वर्ष 2021 खरीफ फसल के मुआवजा आवंटन में करोड़ों के हुए घोटाले की जांच बड़ी एजेंसी से करवाई जाए, वहीं इसमें लिप्त पटवारी, नंबरदार व अन्य शामिल अधिकारियों बर्खास्त कर न्याय किया जाए। यदि सरकार व प्रशासन ने किसानों की इस समस्या का समाधान नहीं किया तो किसान बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।