Bhiwani News : मुआवजा वितरण घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एसडीएम से मिला एसकेएम प्रतिनिधिमंडल

0
122
SKM delegation met SDM demanding action against the culprits of compensation distribution scam
मुआवजा वितरण घोटाले की जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एसडीएम से मुलाकात करने जाते एसकेएम पदाधिकारी।

(Bhiwani News) लोहारू। मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने बैठक का आयोजन किया तथा खरीफ फसल के मुआवजा वितरण में हुए घोटाले की जांच व दोषियों पर की गई कार्रवाई को लेकर भाकियू जिला अध्यक्ष मेवा सिंह आर्य व युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद के नेतृत्व में एसडीएम अमित कुमार से मुलाकात की। इस दौरान एसकेएम पदाधिकारियों ने एसडीएम से मुआवजा वितरण घोटाले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट के बारें में जानकारी ली। एसडीएम ने किसानों को बताया कि मुआवजा वितरण घोटाले की जांच कर दोषियों के विरूद्व कार्रवाई हेतु जांच रिपोर्ट उपायुक्त भिवानी को भेजी जा चुकी है। वहीं एसकेएम पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने राजनीतिक दबाव के चलते अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है। ऐसे में किसानों का प्रतिनिधिमंडल 2 अगस्त को जिला उपायुक्त से मुआवजा वितरण घोटाले की जांच व दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब तक घोटालों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक एसकेएम आराम से नहीं बैठेगा। इस दौरान धर्मपाल बारवास, आजाद सिंह भूगंला, खंड प्रधान रविंद्र कस्वां, कर्मबीर फरटिया,  सूरत सिंह पहलवान, कैप्टन इंद्राज सिंह, जय सिंह, हवा सिंह बलौदा, भरत सिंह, सतबीर, संदीप खरकड़ी, प्रदीप खरकड़ी, सुरेश, गोपीचंद सहित अनेक किसान मौजूद रहे।

खुलासा हुआ कि किसानों की मुआवजा राशि किसी अन्य लोगों के बैंक खातों में डालकर हड़प ली गई

ध्यान रहे कि फरटिया केहर गांव के प्रदीप कुमार ने आरटीआई के तहत अपने गांव के 67 किसानों की खरीफ फसल 2021 की मैनुअल मुआवजा राशि वितरण का रिकॉर्ड मांगा था। जिसमें प्रशासन की तरफ से किसान को दी गई उक्त 67 किसानों की मुआवजा वितरण से संबंधित जानकारी में खुलासा हुआ कि किसानों की मुआवजा राशि किसी अन्य लोगों के बैंक खातों में डालकर हड़प ली गई। जिसमें पात्र किसानों को वंचित रखा गया है। यह मुआवजा राशि कम से कम 500 रुपये से लेकर अधिकतम 35 हजार रुपये प्रति किसान हो सकती हैं। तहसीलदार विक्रम सिंगला ने मामले की जांच के बाद पटवारी राजबीर सिंह व गांव के नंबरदार रामप्रसाद को मुआवजा वितरण में सरकारी राशि का दुरुपयोग व गबन का आरोपित मानते हुए नंबरदार व पटवारी दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की सिफारिश की है। इसके अलावा नंबरदार को भी उसके पद से हटाने की संस्तुति की है व हल्का पटवारी को भी जांच के दौरान सस्पेंड करने की सिफारिश की है ताकि वह रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ न कर सके।