• लोहारू क्षेत्र के लिए खजूर सबसे उपयुक्त फसल, किसान बढ़ा सकते है आमदनी: विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र बेनीवाल

(Bhiwani News) लोहारू। अर्ध-शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र गिगनाऊ में शुक्रवार को खजूर की खेती की जानकारी के लिए एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।

इस दौरान किसानों को खजूर की खेती के विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र कुमार बेनीवाल द्वारा खजूर की खेती से संबंधित जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि लोहारू क्षेत्र में पाए जाने वाली सभी प्रकार की मिट्टी और पानी के लिए खजूर सबसे उपयुक्त फसल है। खजूर का पौधा धूप का दोस्त माना जाता है।

खजूर का पौधा करीब 80 से 100 वर्ष तक फल देता है

किसान इस क्षेत्र में खजूर की खेती करके लाखों रुपए आय प्राप्त कर सकते हैं। खजूर का पौधा करीब 80 से 100 वर्ष तक फल देता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा भी खजूर के बाग लगने पर किसान को 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इस क्षेत्र के लिए खजूर में सबसे उपयुक्त किस्म बरही मानी गई है। खजूर में 3100 कैलोरी ऊर्जा होती है। जो कि फलों में अधिकतम ऊर्जा पाई जाती है।

खजूर के बाग में कोई भी सब्जी की फसल ली जा सकती

खजूर विटामिन ए, बी ,सी तथा एनीमिया के लिए उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि टिश्यू कल्चर से खजूर का पौधा 3 साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं। खजूर के पौधे की उम्र 80 से 100 साल तक होती है। खजूर के बाग में कोई भी सब्जी की फसल ली जा सकती है। एक एकड़ में खजूर के 60 से 66 पौधे लगाए जाते हैं। खजूर को लगाने का सही समय मार्च माह से अक्टूबर माह तक लगाए जा सकते हैं।

खजूर का पौधा कम पानी और रेतीली मिट्टी में भी बहुत फसल देता है। इसलिए इस क्षेत्र के किसानों के लिए खजूर सबसे लाभदायक फसल सिद्ध हो सकती है। सेमिनार में डॉ सचिन कुमार ने खजूर की खेती, सब्जी और बागवानी की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने खाद, बीज, कीटनाशक दवाई आदि के बारे में भी जानकारी दी।इस मौके पर किसान अनिल झाझडिय़ा, कृष्ण बिजलवास ,नागेंद्र, राजवीर, सुरेंद्र तलवानी, संजय स्वामी, मनजीत, विक्रम, पूनम सांगवान, रविकांत सहित क्षेत्र के अनेक किसान उपस्थित रहे।

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