- रामलीला के माध्यम से लोग समझते है आदर्श जीवन, धर्म, सत्य, और कर्तव्य की महत्ता : विजय टैणी
(Bhiwani News) भिवानी। स्थानीय सेठ किरोड़ीमल पार्क में श्री अग्रसेन रामलीला कमेटी रजि. द्वारा महाराजा अग्रसेन जयंती के उपलक्ष्य में चार दिवसीय रामलीला मंचन का आयोजन किया जा रहा है। रामलीला मंचन के दूसरे दिन वीरवार रात कलाकारों ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक आश्चर्यचकित रह गए। इस दौरान कलाकारों द्वारा सीता स्वयंवर, राम वनवास, केवल लीला एवं सीता हरण का जीवंत मंचन किया गया।
चार दिवसीय रामलीला के दूसरे दिन सीता स्वयंवर, राम वनवास एवं सीता हरण का हुआ मंचन
रामलीला मंचन की शुरुआत श्री अग्रसेन रामलीला कमेटी रजि. के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने भगवान राम की वेशभूषा में बैठे कलाकारों की आरती उतारकर की। रामलीला मंचन के दौरान सीता स्वयंवर के मंचन में कलाकारों ने जो जीवंत प्रस्तुति दी, वो अद्वितीय थी। सीता स्वयंवर के दौरान विभिन्न देशों के राजकुमार व राजाओं द्वारा जो कहा गया, उसे किरदार ने बखूबी निभाया।
सीता हरण के दौरान रावण और सीता का वार्तालाप और उसके बाद लक्ष्मण की दहाड़ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर लिया। राम वनवास के दौरान दशरथ-कैकई का संवाद भी दर्शकों को खूब पसंद आया। श्री अग्रसेन रामलीला कमेटी रजि. के प्रधान विजय बंसल टैणी व महामंत्री एडवोकेट अजय सर्राफ ने बताया कि रामलीला का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ दर्शकों को अच्छे और बुरे कर्मों के परिणाम के बारे में जागरूक करना भी है।
उन्होंने कहा कि रामलीला मंचन के माध्यम से भगवान श्रीराम के जीवन के संघर्षों, आदर्शों और मर्यादा की कहानी को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है। रामलीला के माध्यम से लोग आदर्श जीवन, धर्म, सत्य, और कर्तव्य की महत्ता को समझते हैं। पप्रधान पवन भरतिया, सुरेश डब्बावाला, कोषाध्यक्ष मामनचंद अग्रवाल, सह संयोजक प्रवीण गर्ग एवं सदस्य मुरारीलाल तौला, पवन बुवानीवाला, विनोद गोयल, प्रमोद मिंडुका, उमाकांत भोली, विनोद जैन व अभिषेक बंसल ने बताया कि रामलीला मंचन के तीसरे दिन शुक्रवार रात को लंका दहन का मंचन किया जाएगा।
इसके उपरांत 12 अक्टूबर शनिवार को रामलीला सायं 4 बजे शुरू होगा और रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के आदमकद पुतलों के दहन तक चलेगी।
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