- विवेकानंद हाई स्कूल में बलिदान दिवस सप्ताह का समापन, टेलीफिल्म के माध्यम से त्याग और साहस का संदेश
(Bhiwani News) भिवानी। गुरु गोबिंद सिंह और उनके बच्चों का बलिदान भारतीय इतिहास का ऐसा स्वर्णिम अध्याय है, जो साहस, त्याग और धर्म की रक्षा के लिए हमें प्रेरित करता है। इसी उपलक्ष्य में नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृत सेवा समिति और सदाचारी शिक्षा समिति के संयुक्त तत्वावधान में विवेकानंद हाई स्कूल में शहीदी बलिदान दिवस सप्ताह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यार्थियों को गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह के प्रेरणादायक बलिदान पर आधारित टेली फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सावित्री यादव ने की, जबकि संयोजक राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता अशोक कुमार भारद्वाज रहे।
समिति का उद्देश्य समाज में ऐसे ऐतिहासिक बलिदानों को जन-जन तक पहुंचाना
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का परिवार भारतीय संस्कृति और धर्म के लिए सर्वस्व त्याग का प्रतीक है। उनके चारों पुत्रों ने धर्म की रक्षा के लिए अद्वितीय बलिदान दिया।
यह इतिहास हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। भारद्वाज ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृत सेवा समिति और सदाचारी शिक्षा समिति का उद्देश्य समाज में ऐसे ऐतिहासिक बलिदानों को जन-जन तक पहुंचाना है ताकि युवाओं में देशभक्ति, त्याग और सेवा की भावना जागृत हो।उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह ने मुगल शासक औरंगजेब से धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए 14 युद्ध लड़े। 1704 में चमकौर और सरहिंद के युद्ध में सिख योद्धाओं ने अद्वितीय वीरता का प्रदर्शन किया।
चमकौर की लड़ाई में मात्र 43 सिखों ने मुगलों की लाखों की सेना का सामना कर विजय प्राप्त की। इस युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह के दो पुत्र अजीत सिंह (17 वर्ष) और जुझार सिंह (14 वर्ष) शहीद हो गए। वहीं, सरहिंद में उनके छोटे पुत्र जोरावर सिंह (9 वर्ष) और फतेह सिंह (7 वर्ष) को वजीर खान ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया, लेकिन धर्म परिवर्तन से इंकार कर अमर हो गए।
बलिदान और प्रेरणादायक जीवन से हमें समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए
सावित्री यादव ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का उद्घोष ‘सूरा सो पहचानिए, जो लड़े दीन के हेत’ हमें सिखाता है कि सच्चा योद्धा वही है जो धर्म और सत्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे। उनके बलिदान और प्रेरणादायक जीवन से हमें समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए।”
कार्यक्रम में विद्यालय प्राचार्या समी यादव, संयोजक अशोक भारद्वाज, सतीश यादव, सरला अग्रवाल, सुमित मलिक, उर्मिला सैनी, अंजू शर्मा, रामा सैनी, मास्टर दयानंद, अमन कुमार हलवासिया, मास्टर कपिल वर्मा, कविता रानी, शकुंतला देवी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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