- अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन आरएसएस के राष्ट्रीय पदाधिकारी इंद्रेश कुमार एवं एडीसी हर्षित कुमार ने हवन में डाली पूर्णाहुति
- गीता भारतीय संस्कृति का आधार और शास्त्रों में गीता को दिया है प्रमुख स्थान : एडीसी हर्षित कुमार
(Bhiwani News) भिवानी। आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को स्थानीय हुड्डा पार्क में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि तथा एडीसी हर्षित कुमार ने बतौर विशिष्ट अतिथि यज्ञमान के रूप में शामिल हुए और हवन में पूर्णाहुति डाली।
उन्होंने गीता उत्सव की प्रर्दशनी में शिक्षण संस्थानों, धार्मिक व सामाजिक संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई स्टॉलों का अवलोकन किया। श्री इंद्रेश ने कहा कि गीता द्वापर युग का भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकला संदेश ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों व पंथों के मार्गदर्शन के लिए अपना-अपना धार्मिक ग्रंथ होता है। परंतु श्रीमद्भागवत गीता एक मात्र ग्रंथ है, जो भगवान श्री कृष्ण ने संपूर्ण मानव जाति को सत्कर्म करने का उपदेश देता है।
गीता देश ही नहीं विश्व का मार्गदर्शन करने वाला ग्रंथ
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में सभी धर्मों की पुस्तकें है लेकिन गीता एक ऐसा अद्वितीय ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। गीता देश ही नहीं विश्व का मार्गदर्शन करने वाला ग्रंथ है, इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को गीता के संदेश को अपने आचरण में ढ़ालना जरूरी है। गीता एक आदर्श व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित करती है और एक दूसरे से जुडऩा सिखाती है तथा इस सद्भाव एवं समरसता से ही हम दुनिया को सही दिशा में चलने को प्रेरित कर सकते हैं।
गीता सुख, शांति, समृद्धि व विकास का मूल मंत्र
एडीसी हर्षित कुमार ने कहा कि गीता का उपदेश हमें सिखाता है कि लोभ, लालच, अंहकार, आलस्य, ईर्ष्या व नकारात्मक सोच को त्याग कर एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच नहीं रखेंगे तो जीवन आवश्य ही सफल होगा। उन्होंने कहा कि गीता सुख, शांति, समृद्धि व विकास का मूल मंत्र है। हजारों साल पहले हिन्दुस्तान की धरती पर श्री कृष्ण भगवान ने गीता का उपदेश दिया था, उसे आज पूरी दुनिया मानती है।
उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान गीता में है। गीता भारतीय संस्कृति का आधार है और हिन्दू शास्त्रों में गीता को प्रमुख स्थान दिया गया है। गीता एक ऐसा संपूर्ण विचार है जो भारतीय संस्कृति की विरासत है। उन्होंने कहा कि आज गीता न केवल छोटी कांशी भिवानी, कुरूक्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में बल्कि पूरी दुनिया में गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है।
तीन दिवसीय गीता महोत्सव का शुभारंभ हवन से किया गया। आचार्य सुरेश आदि ने हवन करवाया और मंत्रोच्चारण किया। एडीसी हर्षित कुमार, सीटीएम विपिन कुमार, एसडीएम महेश कुमार ने हवन में पूर्णाहुति डाली और श्रीमदभगद्गीता के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया।
हवन में सिविल सर्जन डॉ. रघुवीर शॉडिल्य, जिला शिक्षा अधिकारी नरेश महता, डीडीईओ संतोष नागर, पशुपालन उपनिदेशक डॉ रविन्द्र सहरावत, डॉ. राजेश जांखड, डॉ. विरेन्द्र श्योरण, डीएचओ डॉ. देवी लाल, ओपी नंदवानी, डॉ. मुरलीधर शास्त्री, डॉ. अनिल गौड़, श्री कृष्ण कृपा समिति से डॉ. विनोद छाबड़ा, सुभाष आहुजा, चंद्र ककड़, श्याम जुनेजा, जहर गिरी आश्रम आचार्य, विजय सिंहमार, रमेश सैनी, शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वेद प्रकाश यादव, भेपून्द्र धर्माणी, पर्यावरण विद् सुभाष गोयल, सतनारायण मितल, विभाग प्रचारक जितेंद्र सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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