(Bhiwani News) लोहारू। हम सभी जानते हैं कि गुरु की ज्ञान की रोशनी से शिष्य का भविष्य संवरता है। गुरु इस दुनिया में प्रकृति की सबसे अभूतपूर्व कृति है। गुरु युवा की दिशा और दशा दोनों में परिवर्तन कर शिष्य को ऊंचाई के शिखर का मार्ग प्रशस्त करते हैं। ऐसा ही कुछ कार्य लोहारू के गोठड़ा गांव के रिटायर्ड कोच कर्णसिंह गोठड़ा कर रहे हैं। अपने ज्ञान के प्रकाश और स्टिक कोचिंग से अभी तक सैकड़ों बच्चों के जीवन में उजाला ला चुके हैं। इसके लिए विभिन्न सेवाओं में सिलेक्ट बच्चों ने गाड़ी भेंट कर अपने गुरु का सम्मान किया था। यही नहीं कोच कर्ण सिंह की दो बेटियां कुसुम व उर्मिला एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल लेकर क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश का नाम रोशन कर चुकी हैं वहीं बेटा अजित सिंह जो एथलेटिक्स में नेशनल चैंपियन हैं और राजस्थान में पीटीआई के पद पर तैनात हैं। छोटा बेटा संदीप भी स्टेट चैंपियन है वह भी राजस्थान मेंं पीटीआई के पद पर तैनात हैं।
उल्लेखनीय है कि कोच कर्ण सिंह 1978 में सरकारी स्कूल में बतौर डीपीई के पद पर नियुक्त हुए थे। 1983 में स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट में एथलेटिक्स कोच के रूप में अपनी सेवाएं देनी शुरू की। एथलेटिक्स में बेहतर सेवाएं देने पर 1993 में राज्यपाल धनिक लाल मंडल ने उनको सम्मानित किया था। उन्होंने अपनी सर्विस के दौरान स्कूल में बच्चों को कोचिंग दी। अगस्त 2012 में रिटायर होने के बाद उन्होंने स्थानीय चौ. देवीलाल स्टेडियम में बच्चों को नि:शुल्क प्रतियोगी कोचिंग देनी शुरू की। उनका मार्गदर्शन प्राप्त कर सैंकड़ों युवा सीआरपीएफ, बीएसएफ, रेलवे, आर्मी व शिक्षा विभाग आदि विभिन्न विभागों में नौकरी ले चुके हैं। 70 वर्ष की उम्र में भी आज कोच कर्णसिंह सुबह के समय गांव के स्कूल में बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग दे रहे हैं जबकि सायं के समय ढिगावा के एक निजी संस्थान में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में सफल हुए प्रदेशभर के युवाओं ने मार्च 2019 में उनके सम्मान में सम्मान समारोह आयोजित कर उन्हें टाटा टियागो गाड़ी भेंट की।
इसके बाद 2022 में भी सफल युवाओं सम्मान समारोह आयोजित कर एक स्कूटी व मोबाइल भेंट किया था। कोच कर्ण सिंह गोठड़ा ने बताया कि युवाओं का करियर संवारने की ललक सरकारी सेवा में आने के बाद पैदा हुई। उन्होंने बताया कि खेल ही ऐसा माध्यम से जिससे युवा शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होकर अपने देश की सेवा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में जब उन्होंने स्थानीय देवीलाल स्टेडियम में नि:शुल्क कोचिंग देनी शुरू की तो बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था। परंतु उन्होंने अपने हौसले को बुलंद रखा और वही जज्बा कोचिंग लेने आए युवाओं में भरने का काम किया। उन्होंने बताया कि आज उनके द्वारा तैयार किए गए युवा देश में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके द्वारा तैयार किए गए युवा आज सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट, सव इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, आर्मी और शिक्षा विभाग में उच्च पदों पर कार्यरत हैं। कोच कर्ण सिंह गोठड़ा का कहना है कि जब तक उनके शरीर में जान है तब तक वे बच्चों को अपनी सेवाएं देते रहेंगे। वहीं उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील की है।
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