142 स्कूलों के 867 विद्यार्थियों के एसएलसी बोगस, 6000 का रिजल्ट रोका

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Result of 6000 Students Stopped
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आज समाज डिजिटल, Bhiwani News:
10वीं के 100 स्कूलों के 792 और 12वीं के 42 स्कूलों के 75 विद्यार्थियों के एसएलसी बोगस निकले। 10वीं में पलवल के 7 स्कूलों के 455 बच्चों के एसएलसी बोगस हैं। अधिकतर अलीगढ़ में बनें हैं। स्कूलों ने 2582 बच्चों की एसएलसी अपलोड नहीं किए। जुर्माने के बाद ही इन स्कूलों का परिणाम जारी होगा।

बोगस स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) बनाने का खेल अभी दूसरे राज्यों में खूब चल रहा है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने दूसरे राज्यों के एसएलसी की जांच करवाई तो 142 स्कूलों के 645 विद्यार्थियों के एसएलसी बोगस मिली। इतना ही नहीं 2582 बच्चों ने तो एसएलसी अपलोड ही नहीं किए। इन सभी का परिणाम रोका गया है। जिन स्कूलों के बच्चों के एसएलसी बोगस मिले हैं, उनका पूरा परिणाम ही रोक दिया गया है। ऐसे में करीब 6000 बच्चों का परिणाम बोर्ड ने रोक दिया हैं। साथ ही इन स्कूलों पर 1 से 3 लाख रुपये तक जुर्माना किया गया है। जुमार्ना भरने पर ही परिणाम घोषित होगा। बोगस एसएलसी का बड़ा खेल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में खेला जा रहा हैं।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के राजकीय व अराजकीय स्कूलों के नौंवी से 12वीं तक के दूसरे राज्यों के परीक्षार्थियों के एनरोलमेंट रिटर्न के साथ एसएलसी व प्रमाण पत्र अपलोड करवाए थे। इनकी जांच के लिए बोर्ड के अधिकारियों की टीमों का गठन किया। जहां के एसएलसी थे, वहीं टीमों को भेजा गया। बोर्ड की टीमें विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में गई। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन प्रो. जगबीर सिंह ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि बोगस एसएलसी के बारे में सरकार को सूचित कर दिया है।

ऐसे पकड़ में आया मामला

महाराष्ट्र और नेपाल के भी एक-एक विद्यार्थी थे, जिनके एसएलसी ई-मेल करके जांच के लिए भेजे गए। जांच में दोनों बोगस मिले। किसी भी बच्चे के एसएलसी पर स्कूल के अलावा संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी के काउंटर हस्ताक्षर होते हैं। बोर्ड ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को एसएलसी भेज जांच करवाई तो संबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों ने फर्जी हस्ताक्षर होने की पुष्टि की। उक्त जिला शिक्षा अधिकारियों से बोर्ड ने लिखित में लिया है कि ये हस्ताक्षर फर्जी हैं।

अलीगढ़, मथुरा, हनुमानगढ़ में चल रहा खेल

रुपये लेकर फर्जी एसएलसी बनाने का खेल अलीगढ़, मथुरा, हनुमानगढ़ में खूब चल रहा है। पंचकूला के दो स्कूलों के ही 390 एसएलसी फर्जी मिले हैं। जो अलीगढ़ के हैं। मथुरा के करीब दो सौ, हनुमानगढ़ के करीब 300 मुज्जफरनगर के करीब 20 एसएलसी हैं, जो बोगस पाए गए।

प्रति विद्यार्थी एक हजार रुपये जुर्माना

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एसएल शिशु निकेतन खांभी पर प्रति विद्यार्थी एक हजार रुपये जुमार्ने के तहत 8.48 लाख रुपये और आरडीएस पलवल पर 7.06 लाख रुपये जुमार्ना किया है। दोनों स्कूलों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

फर्जी सर्टिफिकेट से चाहते थे 12वीं की परीक्षा

जांच में यह भी सामने आया है कि 12वीं के लिए आवेदन करने वाले 39 विद्यालयों के 39 विद्यार्थियों के 10वीं के सर्टिफिकेट फर्जी मिले हैं। जिसके बाद इन सभी के आवेदन रद्द कर परीक्षाओं से रोक दिया गया।

दोषी विद्यार्थियों का परिणाम रोका: प्रो. जगबीर

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन प्रो. जगबीर सिंह बताते हैं कि 142 स्कूलों के 867 विद्यार्थियों के एसएलसी बोगस पाए गए हैं। इन 142 स्कूलों का पूरा परिणाम रोक दिया गया है। साथ ही जुमार्ना लगाया गया है। नियमानुसार पहली गलती पर एक लाख रुपये, दूसरी गलती पर तीन लाख रुपये जुमार्ने का प्रावधान है। तीसरी गलती पर स्कूल की मान्यता रद्द करने का नियम है। नियमानुसार जुर्माना किया गया है। 2582 बच्चों के एसएलसी ही अपलोड नहीं किये गए है। उनका भी परिणाम रोका गया है।

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