- संत-महापुरूषों के सिद्धांतों पर चलना ही राष्ट्र के सर्वांगीण विकास की एकमात्र राह : डॉ. राजू जताई
(Bhiwani News) भिवानी। स्थानीय नई अनाज मंडी स्थित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण परिषद के कार्यालय में रविवार को आधुनिक भारत क महान चिंक एवं प्रखरक सुधारवादी सन्यासी महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती तथा समाज सुधारक संत गाडगे महाराज की जयंती उनके चित्रों पर पुष्प अर्पित कर मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए परिषद के राज्य आयुक्त एवं राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राजू जताई ने कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने समाज को अंधविश्वास से मुक्त करने के लिए वेदों का अध्ययन करने पर जोर दिया।
स्त्री शिक्षा व विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा दिया
उन्होंने समाज में व्याप्त सती प्रथा, बाल विवाह व जाति प्रथा जैसी कुरीतियों को समाप्त करने पर जोर दिया तथा स्त्री शिक्षा व विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा दिया। डॉ. राजू जताई ने कहा कि बाबा संत गाडगे महाराज सामाजिक क्रांति के स्तंभ एवं महान समाज सुधारक थे। समाज के उत्थान के लिए अपने को समर्पित कर दिया।
उन्होंने महाराष्ट्र के कोने-कोने में अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावास का निर्माण करवाया, यह सब उन्होंने भीख मांग-मांग कर बनाया, किंतु अपने सारे जीवन में महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई। उन्होंने कहा कि हम संत-महापुरुषों के सिद्धांतों पर चलकर समाज के सर्वांगीण विकास की तरफ कदम बढ़ा सकते है।
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