- एसकेएम की चेतावनी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो एसकेएम लेगा कड़ा फैसला
(Bhiwani News) लोहारू। खरीफ फसल मैनुअल मुआवजा मामले में तहसीलदार विक्रम सिंगला ने अपनी जांच रिपोर्ट को एसकेएम के सामने सार्वजनिक कर दिया है। ध्यान रहे कि मामला मीडिया में आने के बाद किसानों ने इसकी जांच के लिए एसडीएम को 12 जुलाई व 17 जुलाई को ज्ञापन सौंपे थे जिस पर एसडीएम ने जांच के लिए 24 जुलाई तक का समय मांगा था। एसडीएम ने मामले में निष्पक्ष जांच के लिए तहसीलदार विक्रम सिंगला को जांच अधिकारी नियुक्त किया जिसके बाद तहसीलदार विक्रम सिंगला ने मामले की जांच रिपोर्ट एसडीएम को सौंपकर एसकेएम को भी इसके बारे में जानकारी दी है।
मुआवजा राशि कम से कम 500 रुपये से लेकर अधिकतम 35 हजार रुपये प्रति किसान हो सकती है
उल्लेखनीय है कि फरटिया केहर गांव के प्रदीप कुमार ने आरटीआई के तहत अपने गांव के 67 किसानों की खरीफ फसल 2021 की मैनुअल मुआवजा राशि वितरण का रिकॉर्ड मांगा गया था। जिसमें प्रशासन की तरफ से किसान को दी गई उक्त 67 किसानों की मुआवजा वितरण से संबंधित जानकारी में खुलासा हुआ कि किसानों की मुआवजा राशि किसी अन्य लोगों के बैंक खातों में डालकर हड़प ली गई। जिसमें पात्र किसानों को वंचित रखा गया है। यह मुआवजा राशि कम से कम 500 रुपये से लेकर अधिकतम 35 हजार रुपये प्रति किसान हो सकती हैं। तहसीलदार विक्रम सिंगला ने मामले की जांच के बाद बताया कि पटवारी राजबीर सिंह व गांव के नंबरदार रामप्रसाद को मुआवजा वितरण में सरकारी राशि का दुरुपयोग व गबन करना प्रतीत होता है। उन्होंने बताया कि एपीआर में 37 लाभार्थियों के नाम व पिता के नाम के सामने उनके आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता नंबर ना लिखकर नंबरदार रामप्रसाद के परिजनों व चहेतों के आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता नंबर दर्ज किए हुए पाए गए। एपीआर तैयार करने की जिम्मेवारी पटवारी हलका की थी तथा इसमें नंबरदार भी एपीआर तैयार करते समय बैंक खाता संख्या व आधार कार्ड संख्या की डिटेल आदि को तैयार करने में पटवारी की सहायता करता है। एपीआर में नंबरदार के परिवार के सदस्य रिश्तेदार व चहेतों के ही खाता संख्या डाली गई है इससे प्रतीत होता है कि यह कार्य पटवारी हल्का व नंबरदार दोनों की मिलीभगत से हुआ है। तहसीलदार ने कहा कि दोनों द्वारा सरकारी राशि का दुरुपयोग व गबन में शामिल होने तथा नंबरदार व पटवारी दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की सिफारिश की है।
इसके अलावा नंबरदार को भी उसके पद से हटाने की संस्तुति की है व हल्का पटवारी को भी जांच के दौरान सस्पेंड करने की सिफारिश की है ताकि वह रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ न कर सके तथा गलत भिजवाए गए मुआवजा राशि 379208 रुपये की रिकवरी की कार्रवाई चलाई जानी बनती है ताकि इस राशि को सही लाभार्थियों के खाते में भेजी जा सके। भारतीय किसान यूनियन के मेवा सिंह आर्य, धर्मपाल बारवास, आजाद सिंह, कर्मवीर फरटिया, रविंद्र कस्वां, हवा सिंह खरकड़ी, कैप्टन इंद्राज सिंह दमकोरा सहित अनेक किसानों ने तहसीलदार द्वारा की गई जांच पर संतुष्टि जताई। किसानों ने कहा कि 30 जुलाई को किसान भवन में मीटिंग का आयोजन करके आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। किसानों ने कहा कि मुआवजा राशि पर उनका अधिकार है तथा अपात्र लोगों के खाते में मुआवजा डालना एक अपराध है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषी नंबरदार व पटवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो एसकेएम कड़ा फैसला लेने को मजबूर होगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।
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