• क्रिश्चियन समुदाय पर हो रहे अत्याचार व शोषण के विरोध में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

(Bhiwani News) भिवानी। संविधान द्वारा प्रदत मौलिक अधिकारों के हनन के विरोध में वीरवार को राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के बैनर तले नागरिकों शहर में प्रदर्शन कर उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौंपा तथा मौलिक अधिकारों के हनन पर रोक लगाए जाने की मांग उठाई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि चर्च में प्रार्थना करने वाले लोगों पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर निर्दोष लोगों को जेलों में भेजा रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम साहब के निर्देशों पर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी

यदि इन लोगों पर लगाए गए धर्मांतरण के आरोप हटाकर तुरंत रिहा नहीं किया गया तो बामसेफ व भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम साहब के निर्देशों पर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के प्रदेश प्रभारी सुरेंद्र भोला ने कहा कि क्रिश्चियन समुदाय पर दिनोदिन अत्याचार बढ़ता जा रहा है तथा इसकी शिकायत करने पर पीड़ितों का ही शोषण किया जाता है।

प्रार्थना सभा को बाधित कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई

जिसके चलते वे डर के माहौल में है तथा अपनी आस्था भी प्रकट नहीं कर पा रहे है। उन्होंने कहा कि बीते 29 दिसंबर को अंबाला में प्रार्थना सभा कर रहे क्रिश्चियन समुदाय के लोगों पर हमला किया गया तथा प्रार्थना सभा को बाधित कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई, जो कि काफी आहत करने वाली घटना है।

इसी प्रकार की घटनाओं को अंजाम देकर अलग-अलग राज्यों में धार्मिक स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है, जो कि तत्काल बंद होना चाहिए। पास्टर सुनीता ने कहा कि देश का संविधान सभी का इजाजत देता है कि वे कही पर भी बैठकर प्रार्थना व आराधना कर सकते है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा उन्हे चर्च में प्रार्थना करने रोका जा रहा है। जो कि सामाजिक भाईचारे को खराब करने व धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है।

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