- स्कूलों में पौधागिरी-विशेष पौधरोपण अभियान के तहत अब तक लगा चुके करीब 1500 पौधे, सैकड़ों युवाओं की टीम पौधा रोपण के पुनीत कार्य में जुटी
(Bhiwani News) लोहारू। पर्यावरण संरक्षण करना और कहना आसान है परंतु उसे अंजाम तक पहुंचाना उतना ही कठिन है। स्वच्छ पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। परंतु इसे मूर्त रूप देने के लिए पौधा रोपण करना काफी नहीं है बल्कि उस पौधे के पेड़ होने तक के सफर में अपनी आहुति देनी होती है।
एक ऐसी ही शख्सियत हैं स्टेट अवार्डी मा. कंवर भान जो इस मुहिम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि पौध-रोपण परमात्मा से प्रकृति के रूप में जो हमें प्राप्त हुआ है। उसे वापस लौटाने का एक प्रयास भी है। उनकी पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधा रोपण अहम पहल है, सच्चे अर्थों में वह एक सशक्त पर्यावरण प्रहरी बनकर युवाओं को भी इस मुहिम में आगे लाने का काम कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा उनके पिता चांदराम से मिली
स्टेट अवार्डी कंवरभान राप्रा पाठशाला कुड़ल में बतौर मुख्य शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा उनके पिता चांदराम से मिली है। उन्होंने बताया कि उनके पिता पर्यावरण प्रेमी रहे हैं पौधा रोपण करते देख अहसास हुआ कि उनको भी इस मुहिम को हिस्सा बनना चाहिए।
नवंबर 1997 में झुप्पा कला में बतौर प्राथमिक शिक्षक के रूप में ज्वाइन किया था। इसके बाद उन्होंने पौधा रोपण की इस मुहिम में वर्ष 2000 से अपनी आहुति डालने का काम शुरू किया था। झुप्पा कला स्कूल में करीब 200 पौधे लगाकर इस कार्य को प्रारंभ किया था। इसके बाद ढाणी लक्ष्मण में करीब 400 पौधे लगाकर उनका संरक्षण किया। इसके बाद कुड़ल के राप्रा पाठशाला में करीब 500 पौधे लगाए, मुक्तिधाम गिगनाऊ में 300 पौधे लगाकर युवाओं को इस मुहिम को जोड़ने का काम किया है।
पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में करीब 100 युवा जोड़ रखे हैं जो इन पौधों का पेड़ बनने तक संरक्षण करते
हाल में पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में करीब 100 युवा जोड़ रखे हैं जो इन पौधों का पेड़ बनने तक संरक्षण करते हैं। उनके इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री सौंदर्यीकरण योजना 2012 में ढाणी लक्ष्मण खंड में प्रथम रहा है वहीं कुड़ल 2020 में मुख्यमंत्री सौंदर्यीकरण योजना में खंड में प्रथम रहा है।
इनके विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा शैक्षणिक क्षेत्र व पर्यावरण संरक्षण में खंड जिला व राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। विभिन्न प्राइवेट संस्थाओं व सरकारी मंचों पर इनके सामाजिक कार्य के लिए अनेक बार सम्मान प्रदान किया गया है। वर्ष 2023 में अध्यापक दिवस पर इनको महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके द्वारा लगाए गए पौधे आज फल और फूल दे रहे हैं।
जनसंख्या बढ़ोतरी के साथ साथ पेड़ पौधे लगाना भी अति आवश्यक
मां. कंवर भान विभिन्न सामाजिक मंचों के साथ मिलकर ये समाज सेवा के कार्य व पौधारोपण में अग्रणी भूमिका निभाते हुए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनसंख्या बढ़ोतरी के साथ साथ पेड़ पौधे लगाना भी अति आवश्यकता है। सरकारी स्कूलों में पौधागिरी-विशेष पौधरोपण अभियान के तहत करीब 1500 पौधे लगाकर स्कूलों को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा और यह अभियान जारी है।
15 अगस्त 2022 में तत्कालीन पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली द्वारा भी सम्मानित किया। इनकी प्रेरणा से इनके स्कूल के दो अध्यापक मंजीत कुमारी व संदीप कुमार व एक छात्र कैशव को 2024 में स्टार अध्यापक व स्टार छात्र के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि जीवन की दृष्टि से पर्यावरण मानव के लिए सर्वोच्च जरूरत है। जल, जंगल और जमीन तीनों उसके प्रमुख आधार हैं। इसलिए पौधा रोपण कर उनका संरक्षण ही एकमात्र विकल्प है।
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