Bhiwani News : एससी एसटी समाज के लोगों व सामाजिक संस्थाओं ने महामहिम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा

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People of SC ST community and social organizations submitted a signed memorandum to His Excellency the President and the Prime Minister
लोहारू में एससी एसटी आरक्षण व क्रीमीलेयर लागू करने के विरोध में ज्ञापन सौंपते एससी एसटी समाज के लोग।

(Bhiwani News ) लोहारू। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससी एसटी वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण एवं क्रीमी लेयर लागू करने के निर्णय के विरोध में बुधवार को एससी एसटी समाज के लोगों व सामाजिक संस्थाओं ने एसडीएम लोहारू के माध्यम से c गया। इससे पूर्व उन्होंने शहर में विरोध प्रदर्शन भी किया। ज्ञापन के माध्यम से माननीय सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमी लेयर लागू करने के निर्णय को निष्प्रभावी करने तथा वर्तमान संसद सत्र में विधेयक लाकर पारित करने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि गत 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के 7 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ द्वारा एससी एसटी वर्ग के आरक्षण को लेकर जो निर्णय दिया गया वह भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत होगा। इस आदेश के अनुसार अब राज्य सरकार में एससी एसटी वर्ग की सूची के भीतर आरक्षण के लिए उप-वर्गीकरण अर्थात नई सूची बना सकेगी जबकि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा ही वर्ष 2004 में निर्णय दिया गया था कि एससी एसटी वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक ही समरूप अर्थात समान वर्ग में आते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही 2004 के निर्णय को पलट दिया है जिस कारण इस निर्णय से अनेकों प्रकार की विसंगतियां उत्पन्न

उस निर्णय के अनुसार कहा गया था कि एससी एसटी वर्ग में किसी भी प्रकार का वर्गीकरण करना उचित नहीं है तथा किसी भी प्रकार का उप-वर्गीकरण भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही 2004 के निर्णय को पलट दिया है जिस कारण इस निर्णय से अनेकों प्रकार की विसंगतियां उत्पन्न हो गई हैं। यह निर्णय देने से पूर्व ना तो राज्य सरकारों द्वारा इस संबंध में कोई शोध करवाया गया और ना ही उच्चतम न्यायालय के पास ऐसा कोई डेटाबेस उपलब्ध था। ऐसे में इस निर्णय के बाद जहां जो राजनीतिक पार्टी सत्ता में होगी वह अपनी-अपनी राजनीति के हिसाब से अपने-अपने वोट बैंक के लिए अपनी मनचाही जातियों को आरक्षण का अनुचित लाभ देने का प्रयास करेंगी। वहीं एससी/एसटी वर्ग के लोगों के भीतर आपसी द्वेष व विभाजन की भावना को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। इस निर्णय से नई भर्ती व पदोन्नति में एससी एसटी वर्ग को देय आरक्षण, राजकीय सेवाओं में वर्तमान में चल रहा बैकलॉग समाप्त हो जाएगा। किसी भी विभाग में पदोन्नति से विभाग का विभागाध्यक्ष एससी एसटी नहीं बन पाएगा। राज्य सेवाओं से एससी /एसटी वर्ग के अधिकारियों का आईएएस, आईपीएस में पदोन्नति/ चयन के अवसर समाप्त हो जाएंगे। एससी एसटी के लिए नई भर्ती एवं पदोन्नति के लिए काफी वर्षों तक इंतजार करना होगा तथा इन वर्गों के युवाओं में बेरोजगारी बढ़ेगी। इस प्रकार से अनेक क्षेत्रों में इन वर्गो की भागीदारी भी समाप्त हो जाएगी। उन्होंने मांग की कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को संसद में विधेयक लाकर निरस्त किया जाए तथा इसे संविधान की नौंवी सूची में डाला जाए ताकि एससी एसटी समाज के लोगों के हितों व भावनाओं से खिलवाड़ न हो। इस मौके पर विजय गुरावा, सतेंद्र बड़दुू, धर्मपाल गिगनाऊ, ओमप्रकाश ओबरा, भरतराम बॉक्सर,  पवन गोकुलपुरा, सुरेन्द्र पूर्व बीडीसी,नन्दलाल सूबेदार, माईराम  सूबेदार, इंस्पेक्टर धर्मपाल, सुभाष पूर्व सरपंच, ओमबीर फरटिया, रोहताश आर्य, रोहताश खरकड़ी, सूरत सिंह, विनोद सिंघानी, मा.सुरेन्द्र बैराण सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

 

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