• वीर सपूतों को शहीद का दर्जा देने के लिए महामहिम राष्ट्रपति को लिखा पत्र

(Bhiwani News) लोहारू। स्थानीय रामलीला मैदान में शहीद भगत सिंह कल्याण समिति के सौजन्य से 94 वें शहीदी दिवस पर हवन यज्ञ किया गया और र शहीद दिवस पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद शहीद भगत सिंह कल्याण समिति के अध्यक्ष जगदीश जायलवाल ने शहीदों के जीवन पर प्रकाश डाला और भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद का दर्जा देने के लिए भारत सरकार व महामहिम राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है।

बलिदान से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी

अध्यक्ष जगदीश जायलवाल ने बताया कि शहीद दिवस भारत के उन वीर सपूतों की याद दिलाता है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था। तीनों वीर सपूतों ने न केवल अपने बलिदान से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी, बल्कि अपने विचारों से युवाओं के दिलों में देशभक्ति की अलख जगाई। भगत सिंह के विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज भी देश के लोगों को इस बात का मलाल है कि उन वीर सपूतों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जो निंदनीय है।

उन्होंने बताया कि इस मांग को भारत सरकार और महामहिम राष्ट्रपति के पास भेजा गया है ताकि इन वीर सपूतों को शहीद का दर्जा मिल सके। शहर के सभी गणमान्य नागरिकों ने उपरोक्त विषय के संदर्भ में भारत सरकार का हस्ताक्षरयुक्त पत्र के माध्यम से भारत सरकार का इस ओर ध्यान आकर्षित किया है।

उनका सवाल है कि भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव सिंह को शहीद का दर्जा देने में देर कहां हो रही है? आपकी सरकार हर जटिल फैसले ले रही हैं तो इन शहीद वीरो को शहीद का दर्जा देने में समस्या क्या है? सभी की एक ही मांग थी कि वीर सपूतों को शहीद का दर्जा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि देश की सरकार लोकसभा व राज्यसभा मे बिल लेकर आए और शहीदों को सम्मान देने का काम करे। देश का हर एक युवा यह देखना चाहता है कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह को शहीद का दर्जा देने में विरोध करने वाले कौन-कौन हैं हम उस पार्टी व सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे और डटकर विरोध करेंगे। इस मौके पर शहर के अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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