(Bhiwani News) भिवानी। बीआरसीएम ज्ञानकुंज स्कूल बहल परिसर में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर के तीसरे दिन विविध गतिविधियों के माध्यम से वॉलिंटियर्स और गांव वासियों को जागरूक किया गया। शिविर की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार झाझरिया ने की।
शिविर के पहले सत्र में पोस्टर मेकिंग और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
उन्होंने एनएसएस वॉलिंटियर्स को समाज सेवा और जागरूकता के महत्व को समझाते हुए प्रेरित किया। शिविर के पहले सत्र में पोस्टर मेकिंग और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने नशा मुक्त भारत, पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे विषयों पर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में नीतू बांगड़वा ने प्रथम स्थान, सोनिका ने द्वितीय स्थान, हिमांशु ने तृतीय स्थान प्राप्त किया और स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में स्नेश सांगवान ने प्रथम, योगेश ने द्वितीय स्थान और कुसुम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका भूगोल विभागाध्यक्ष रश्मि मिश्रा ने निभाई।
रैली का मुख्य उद्देश्य नशा मुक्ति और बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना
तत्पश्चात वॉलिंटियर्स ने एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी जोगेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व में सोरड़ा जदीद गांव में जन जागरूकता रैली का आयोजन किया रैली को गांव के सरपंच कंवल सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली का मुख्य उद्देश्य नशा मुक्ति और बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना था। वॉलंटियर्स ने गांव के बुजुर्गों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों को समझा।
वॉलिंटियर्स ने गांव के तालाब का दौरा रैली के बाद वॉलंटियर्स ने गांव के तालाब का दौरा किया और उसकी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने जल संरक्षण और सफाई के महत्व को लेकर चर्चा की।द्वितीय सत्र में टीम वर्क और मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया गया।
समाजसेवा केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि आत्मिक संतोष का माध्यम : डॉक्टर एस के सिन्हा
इन खेलों ने विद्यार्थियों के बीच टीम वर्क और समन्वय को बढ़ावा दिया। कार्यक्रम के अंत में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी जोगेंद्र सिंह ने गांव के सरपंच और बुजुर्गों का आभार व्यक्त किया और शिविर के उद्देश्यों को साझा किया।बी आर सी एम शिक्षण समिति निदेशक डॉक्टर एस के सिन्हा ने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि समाजसेवा केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि आत्मिक संतोष का माध्यम है।
वॉलंटियर्स को चाहिए कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमेशा तत्पर रहें। इस दौरान ज्ञानकुंज उपप्राचार्या श्रीमती सरस्वती दीक्षित, एएनएम बबीता, संगीत अध्यापक रामकिशन भट्ट और सभी एनएसएस वॉलिंटियर्स उपस्थित रहे।
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