Bhiwani News : मां के हत्यारे बेटे को न्यायालय में पेश किया गया

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Mother's killer son was presented in court
मां की हत्या का आरोपी नरेश।
  •  न्यायालय ने जिला जेल भेजने के दिए आदेश
(Bhiwani News )लोहारू। लोहारू के चुंगी नंबर 7 स्थित वार्ड नंबर 5 में गत दिवस अपनी ही मां को बेरहमी तेज धारदार चाकू से गोदकर निर्मम हत्या करने वाले कलयुगी बेटे को नरेश को पुलिस ने समुचित कानूनी कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से आरोपी को न्यायालय ने जिला जेल भेजने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने आरोपी से वारदात में प्रयोग किए गए चाकू को आरोपी की निशानदेही पर घर से बरामद कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि गत दिवस मृतका लाली देवी व आरोपी नरेश घर पर ही थे जबकि दूसरे बेटे के बच्चे स्कूल गए हुए थे। मां के घर में अकेले होने का फायदा उठाकर नरेश ने चाकू से गोदकर अपनी मां की निर्मम हत्या कर दी जिसके बाद आरोपी स्वयं ही थाने जोकर अपने आपको सरेंडर कर दिया था। कथित हत्यारा बेटा मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है। पुलिस ने गत दिवस ही आरोपी को थाने में ही काबू कर लिया था। वारदात के बाद हत्यारे नरेश ने चाकू के घर के दूसरे कमरे में छुपा दिया था। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर चाकू को बरामद कर लिया है। मृतका लाली देवी के देवर सोमबीर के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ हत्या की धारा 103 (1) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने समुचित कानूनी कार्रवाई करते हुए आरोपी को वीरवार को न्यायालय में पेश किया गया जहां से आरोपी को जिला जेल भेज दिया गया है।

 मां को चाकू से मारने के लिए आरोपी ने 10 से 15 बार किया था वार

जांच अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि आरोपी नरेश ने अपनी मां को चाकू से मारा है। मां को मारने के लिए उसने मां के पेट पर चाकू से 3 बार, जांघ पर 3 बार व गर्दन पर 7 से अधिक बार वार किया है। इस दौरान बाएं हाथ पर भी चाकू से वार किया गया और एक हाथ का अंगुठा भी कटा हुआ है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने स्वयं थाने में अपने आपको सरेंडर किया था। वारदात में प्रयोग किए गए चाकू को घर में मकान से चारपाई के नीचे से बरामद कर लिया गया है। चाहे जो भी हो इस घटना ने खून के रिश्तों को जरूर शर्मसार किया है। लाली देवी के अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों की दबी जुबान से बस यही निकल रहा था कि आज के दौर में इस प्रकार के समाचार हर रोज पढऩे को मिलते हैं आखिर यह कलयुगी महाभारत का अंत कब होगा?