Bhiwani News : अहोई अष्टमी पर संस्कृति और परंपरा का दिया गया संदेश

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Message of culture and tradition given on Ahoi Ashtami
अहोई अष्टमी का व्रत रख सूर्य को अघ्र्य देती महिलाएं।
  • अहोई अष्टमी पर महिलाओं ने पूजा पाठ के साथ किया लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम

(wani News) भिवानी। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत हनुमान ढाणी स्थित विवेकानंद हाई स्कूल के प्रांगण में सदाचारी शिक्षा समिति और सामाजिक संस्था नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृत सेवा समिति द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में अहोई अष्टमी का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर महिला शिक्षकों और विद्यार्थियों की माताओं ने अहोई अष्टमी की पूजा-अर्चना कर माता अहोई का आशीर्वाद लिया और अपने बच्चों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। इसके साथ ही, सूर्य भगवान की स्तुति भी की गई।

महिलाओं ने अहोई अष्टमी के उपवास के दौरान रोली, मोली, चावल और पूजा सामग्री के साथ मंदिरों में जाकर इष्ट देवता के समक्ष संतान की खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना की। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पेड़-पौधों में पानी डालकर उनके संरक्षण की अपील भी की गई। विद्यालय की संचालिका सावित्री यादव, सुभाष देवी और सुमित मलिक, महिला सामाजिक कार्यकर्ता अंजू शर्मा, अनिता सैनी, उर्मिला देवी, और कविता रानी ने बताया कि अहोई अष्टमी का व्रत संतान की सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि पर किया जाता है।

इस व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं और दिनभर बिना अन्न-जल ग्रहण किए अहोई माता की कथा सुनती हैं। रात को तारों को देखकर व्रत खोला जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि तीज-त्योहार हमें भाईचारे, सद्भावना, और एकता का संदेश देते हैं। ये पर्व हमें हमारी संस्कृति, संस्कार, और परंपराओं से जोड़ते हैं और आने वाली पीढय़िों को महत्वपूर्ण सीख देते हैं।

 

 

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