- दीपावली पर पटाखे जलाने की बजाए पौधारोपण कर सुधार सकते है पर्यावरण का स्तर : त्रिवेणी बाबा
(Bhiwani News) भिवानी। दीपावली का त्यौहार भारत का सबसे अधिक श्रद्धा एवं उल्लास से मनाए जाने वाला त्यौहार है। इस दिन धूमधाम से आतिशबाजी की जाती है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है तथा वायु एवं ध्वनि प्रदूषण दोनों बढ़ जाते है। ऐसे में मनुष्य को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे उल्लास एवं श्रद्धा के प्रतीक दीपावली पर्व को पर्यावरण के लिए हानिकारक ना बनाएं तथा दीप जलाकर व पौधारोपण कर दीपावली का पर्व मनाए।
यह बात त्रिवेणी बाबा ने स्थानीय पब्लिक स्कूल बाल भवन में त्रिवेणी रोपित करने के उपरांत कही। उन्होंने कहा कि दीपावली पर पटाखों की जगह पौधे लगाकर हम पर्यावरण को सुधार सकते हैं और प्रदूषण को कम कर सकते हैं। पौधे लगाने से वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे हवा साफ होती है और हमारी सेहत पर भी अच्छा असर पड़ता है। इसके अलावा, यह आने वाली पीढिय़ों के लिए एक हरियाली भरा भविष्य भी सुनिश्चित करता है। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक पर्यावरण प्रहरी हवलदार लोकराम नेहरा ने कहा कि पौधारोपण करके दीपावली मनाने का विचार ना केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी देता है।
उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली पर कुछ नए पौधे लगाएं, जैसे तुलसी, नीम, पीपल, या फूलों के पौधे। यह त्यौहार मनाने का एक सुंदर और अर्थपूर्ण तरीका है, जो प्रकृति और मानवता दोनों के लिए लाभकारी है। स्कूल प्राचार्या मंजूसा ने सभी छात्रों को अपना जन्मदिन पौधारोपण कर मनाने व प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का संकल्प दिलवाया। इस अवसर पर छात्रों के साथ-साथ स्कूल स्टाफ सदस्यों व सहायक उप निरीक्षक कांता नेहरा, चंद्रमोहन आदि मौजूद रहे।
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