- न्यूनतम तापमान 4 डिग्री और अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस बना हुआ
(Bhiwani News) लोहारू। पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी दिखाई दे रहा है। लोहारू क्षेत्र में लगातार चार दिनों से पड़ रही सूखी कड़ाके की ठंड, शीतलहर व बर्फीली हवाओं के चलते सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ है। सोमवार रात्रि को न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा है।
इसके कारण किसान के खेतों में फसलों पर पाला जमते देखा जा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है जिसके चलते न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। यह खबर किसानों की चिंता को बढ़ा रही है।
सूखी कड़ाके की ठंड का असर मूल प्राणियों पर भी पड़ा
उल्लेखनीय है कि दिसंबर माह के पहले पखवाड़े में हल्की बरसात के होने से कोहरे की चादर से खेत ढके होते हैं परंतु इस बार न तो हल्की बरसात हुई और न ही कहीं कोहरा दिखाई दे रहा है जिसके चलते क्षेत्र में सूखी कड़ाके की ठंड का असर मूल प्राणियों पर भी पड़ा है। क्षेत्र में पारा जमाव बिंदु पर होने से गांवों में खेतों में किसानों की गेहूं व सरसों की फसल पर बर्फ की हल्की सफेद चादर बिछी नजर आई।
सूर्यदेव अपनी चमक बिखेर रहे
वहीं वाहनों के शीशों बाइक की सीट पर भी बर्फ जमी नजर आई। हालांकि सूर्यदेव अपनी चमक बिखेर रहे है परंतु सर्द हवाओं का प्रभाव व शीत लहर के चलते सूर्य की तेज धूप भी अपना असर नहीं दे रहा है। किसानों में पाला पड़ने की आशंका से ही उनके चेहरे पर चिंता की लकीरे दिखाई दे रही है।
किसान रामफल खेड़ा, सुनील कुमार, रवींद्र कस्वां, बलवान सोहांसड़ा, विनोद शर्मा, प्रभु काजला, राजेश सिंघानी, राजेश बरालु, सुरेंद्र जगराम बास, सुमेर सिंह, विष्णु शर्मा आदि ने बताया कि यदि पाला पड़ा तो उनकी फसलों में नुकसान हो सकता है। उन्होंने बताया कि अब बरसात से ही पाले का बचाव संभव है क्योंकि बिजली की आपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है जिसके चलते लगातार फसलों पर पानी फेरना संभव नहीं है।
आने वाले दिनों में मौसम रहेगा शुष्क, न्यूनतम तापमान में आएगी गिरावट डॉ. देवीलाल सहारण
कृषि मौसम विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केंद्र भिवानी डॉ. देवीलाल सहारण ने बताया कि दिसंबर माह में आने वाले दिनों में बरसात के आसार नहीं हैं जिसके चलते न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी। उन्होंने बताया कि पाला पड़ने से फलदार पौधे, सब्जियां, फूलदार पौधे, चना, गेहूं, सरसों के पौधों में कोशिका द्रव्य यदि जमता है तो फसलों को नुकसान संभव है।
उन्होंने बताया कि फसलों को पाले से बचाव के लिए किसानों को हल्का-हल्का पानी फेरते रहना चाहिए इससे न्यूनतम तापमान बढ़ता है और फसलों पर पाला जमने की संभावना कम हो जाती है।
उन्होंने बताया कि बीती रात्रि को न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 21 डिग्री बना रहा है। बरसात के होने पर ही फसलों को संजीवनी मिल सकती है। आने वाले दिनों में न्यूतम तापमान और लुढक़ने की संभावना है।
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