- सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को बंद करने के फैसले का जताया विरोध
- शिक्षण संस्थानों को बंद करने की बजाए शर्तें पूरी करने के लिए समुचित समय दे सरकार : शर्मा
(Bhiwani News) भिवानी। स्थानीय फैंसी चौक स्थित एक निजी रेस्तरां में ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल संगठन की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता संगठन के वरिष्ठ उपप्रधान घनश्याम शर्मा ने की। बैठक के दौरान सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को बंद करने के फैसले का विरोध जताया गया तथा सरकार के इस कदम को बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।
बैठक में न केवल भिवानी जिला, बल्कि रोहतक, फतेहाबाद सहित अन्य जिलों से शिक्षण संस्थान के संचालक भी मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान फैसला लिया गया कि प्रदेश भर में सभी विधायकों के माध्यम से प्रदेश सरकार के नाम मांगपत्र सौंपा जाएगा।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवारने की दिशा में अग्रसर
बैठक को संबोधित करते हुए ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल संगठन के वरिष्ठ उपप्रधान घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रदेश भर में कई निजी संस्थान ऐसे है, जो कि सीमित संस्थानों में भी उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर प्रदेश की साक्षरता दर बढ़ाने व बेरोजगारी को घटाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। उन्होंने बताया कि इन शिक्षण संस्थानों में प्रदेश के मध्यम व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवारने की दिशा में अग्रसर है।
लेकिन इसके बावजूद भी सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानें को बंद करने का फरमान सुनाया है, जिससे एक तरफ जहां बच्चे शिक्षा से दूर होंगे, वही दूसरी तरफ प्रदेश में बेरोजगारी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को बंद करती है तो हजारों शिक्षकों का रोजगार छिन जाएगा तथा लाखों बच्चे गुणवत्तापरक शिक्षा से महरूम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ को साधने के लिए इन विद्यालयों को निशाना बना रहे है, सरकार को इस षडय़ंत्र में नहीं फंसना चाहिए।
छोटे विद्यालयों के लिए अलग-अलग मानकों पर विचार किया जाए
घनश्याम शर्मा ने मांग करते हुए सरकार को चाहिए कि गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को बंद करने की बजाए उन्हे समुचित समय प्रदान किया जाए, ताकि वे सभी आवश्यक शर्ते पूरी कर सकें। छोटे विद्यालयों के लिए अलग-अलग मानकों पर विचार किया जाए जिससे उनके संचालन में सहुलियत रहे।
शिक्षा का व्यवसायीकरण रोकने हेतु बड़े निजी विद्यालय संगठन द्वारा बनाए जा रहे दबाव व अव्यवस्थित गतिविधियों का संज्ञान लिया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसरों और समावेशी विकास के लिए नीतियां बनाई जाए। ताकि मध्यम व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए सकारात्मक कदम बढ़ाए जा सकें।
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