Bhiwani News : बिना दहेज की शादी : पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सुधार का अनूठा संदेश

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Marriage without dowry: A unique message of environmental protection and social reform
विवाह में एक रुपये और पौधा ये रस्म पूरी करते हुए वर-वधु पक्ष के लोग।
  • भिवानी की सामाजिक संस्थाओं से प्रेरणा लेकर की गई अनूठी पहल : सावित्री यादव
  • अब तक 1000 के करीब करवा चूके अनूठी शादी : अशोक भारद्वाज

(Bhiwani News) भिवानी। भिवानी नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी ने अपने बेटे की शादी को दहेज मुक्त और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बनाने का निर्णय लिया है। यह विवाह न केवल सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश दे रहा है, बल्कि पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में भी एक कदम है।

एक रुपये और 11 पौधों में संपन्न होगी शादी

इस विवाह में वधु पक्ष की ओर से एक रुपये और 11 पौधों का आदान-प्रदान किया जाएगा। यह पहल “11 पौधों की रस्म” के रूप में की जा रही है, जिसमें दहेज का कोई लेनदेन नहीं होगा। विवाह की सभी रस्में—लगन, टीका, भात, फेरे और विदाई—पौधों के साथ पूरी होंगी, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी। झज्जर जिले के निवासी बिजेंद्र यादव और सुभाष यादव जो भिवानी नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी है ने यह निर्णय सामाजिक संस्था “नेता जी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृत सेवा समिति” और “सदाचारी शिक्षा समिति” से प्रेरित होकर लिया है। उनका मानना है कि बेटियां बोझ नहीं बल्कि सम्मान की पात्र होती हैं, और दहेज प्रथा को समाप्त करना समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

सामाजिक संस्थाओं और गणमान्य व्यक्तियों का समर्थन

इस अनूठी शादी में भिवानी, झज्जर और नारनौल के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। समारोह में पूर्व मंत्री विक्रम सिंह यादव, पूर्व महामंत्री वीर कुमार यादव, जिला पार्षद शारदा यादव, डॉक्टर मनीष श्योराण, और भिवानी नागरिक अस्पताल की चीफ नर्सिंग ऑफिसर सुनीता प्रधान सहित कई सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया। सभी ने बिजेंद्र और सुभाष यादव की इस पहल की सराहना की और कहा कि समाज को ऐसे कदमों से प्रेरणा लेनी चाहिए। राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता अशोक भारद्वाज ने बताया कि उनकी संस्था अब तक 1000 से अधिक दहेज मुक्त शादियां करवा चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे विवाह समाज को यह संदेश देते हैं कि पारंपरिक रस्मों के साथ-साथ हमें सामाजिक बुराइयों से लडऩे के लिए भी कदम उठाने चाहिए।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

इस शादी के माध्यम से दोनों परिवार न केवल दहेज प्रथा के खिलाफ खड़े हुए हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी का अनुभव किया गया था, जिससे पर्यावरण संरक्षण की जरूरत और भी स्पष्ट हो गई थी। झज्जर जिले के गाँव लीलाहेड़ी निवासी बिजेंद्र यादव और ढाणी भाटोटा की वंदना के साथ विवाह कर रहे हैं। इस पहल से समाज को यह सिखाया जा रहा है कि हमें अपने पारंपरिक रस्मों के साथ-साथ पर्यावरण और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कदम उठाने चाहिए।

समाज को प्रेरणा देने वाली पहल

विधायक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस अनूठी पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिजेंद्र और सुभाष यादव का यह कदम समाज को एक नई दिशा देने वाला है। दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रदूषित क्षेत्रों में इस प्रकार के प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस तरह की पहल से सीख लेनी चाहिए और दहेज प्रथा तथा पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याओं के खिलाफ कदम उठाना चाहिए। यह विवाह न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक समारोह है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का भी प्रतीक है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

 

 

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