Bhiwani News : छोटी काशी भिवानी में फाग महोत्सव के तहत आयोजित हुआ मंगलवारी माता का मेला

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Bhiwani News : छोटी काशी भिवानी में फाग महोत्सव के तहत आयोजित हुआ मंगलवारी माता का मेला
भिवानी में आयोजित मेले में पहुंचे श्रद्धालुगण।
  • करीबन 400 वर्ष पुरानी है भिवानी में फाग महोत्सव मनाए जाने की परंपरा : चरणदास महाराज

(Bhiwani News) भिवानी। छोटी काशी के नाम से विख्यात भिवानी की पहचान यहां पर समय-समय पर होने वाले विभिन्न धार्मिक आयोजन से विशेष तौर पर होती है, जिसमें दूर-दराज से हजारों श्रद्धालुगण यहां पहुंचते है तथा भगवान से अपने परिवार की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना करते है। इसी धार्मिक आयोजनों में शीतला माता का मेला जिसे मंगलवारी माता का मेला भी कहा जाता है, विशेष महत्व रखता है।

जिसमें ना केवल भिवानी, बल्कि भिवानी शहर के वे लोग जो विभिन्न शहरों में रहते है, वे यहां पहुंचते है तथा शीतला माता को धोक लगाते है। इसी कड़ी में युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट के बैनर तले मनाए जा रहे फाग महोत्सव के तहत भिवानी के हनुमान जोहड़ी मंदिर में मंगलवार को मंगलवारी माता के तीसरे मेले का आयोजन किया गया।

इस बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज ने बताया कि फाग महोत्सव के तहत हनुमान जोहड़ी मंदिर में पांच मेलों का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत एक मेला फाग वाले दिन तथा अगले चार मेले लगातार चार मंगलवार को आयोजित किए जाते है। जिसमें पंजाब, राजस्थान, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, सूरत, जयपुर, उड़ीसा सहित दूर-दराज से हजारों श्रद्धालुगण पहुंचते है तथा अपने परिवार की सुख, शांति एवं समृद्धि की मनोकामना शीतला माता से करते है।

फाग महोत्सव के तहत हनुमान जोहड़ी मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन जारी रहेगा

उन्होंने कहा कि इस मंगलवार को तीसरे मेले का आयोजन किया गया था। उन्होंने बताया कि इसके उपरांत नवरात्रों के दौरान भी फाग महोत्सव के तहत हनुमान जोहड़ी मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन जारी रहेगा तथा हनुमान जयंती पर इस महोत्सव का समापन होगा।

महंत चरणदास महाराज ने कहा कि फाग महोत्सव मनाने की यह परंपरा करीबन 400 वर्ष पुरानी है, जिसे पूरी निष्ठा से निभाया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि इस धार्मिक आयोजन से ना केवल सनातन संस्कृति को बल मिलता है, बल्कि मेले में स्टॉलों के माध्यम से खिलौने व अन्य सामान बेचने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है, जिससे स्वदेशी व आत्मनिर्भर भारत के नारे को भी बल मिलता है।

वही मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि हनुमान ढ़ाणी मंदिर में चार मेले लगते है, जिसमें हजारों श्रद्धालुगण आते है तथा सैंकड़ों दुकानें लगती है। यहां जो भी श्रद्धालु आते है, उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

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