Bhiwani News : महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को भिवानी में मनाया गया राष्ट्रीय कुष्ठ जागरूकता दिवस के रूप में

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Bhiwani News : महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को भिवानी में मनाया गया राष्ट्रीय कुष्ठ जागरूकता दिवस के रूप में
कुष्ठ रोग को जड़ से मिटाने के लिए शपथ विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को शपथ दिलाती उप सिविल सर्जन।
  • भिवानी के चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में कर्मचारियों को दिलाई कुष्ठ रोग जड़ से मिटाने की शपथ
  • भिवानी में कुष्ठ रोग के चार मरीज, जिनका का पूर्णतया इलाज विभाग का प्रयास : उप सिविल सर्जन

(Bhiwani News) भिवानी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर वीरवार को भिवानी में राष्ट्रीय कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत मनाया गया। इस अभियान के तहत भिवानी के चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में कुछ रोग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हे याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए गए तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों ने कुष्ठ रोग को जड़ से मिटाने के लिए शपथ भी ली।

विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा

इस मौके पर भिवानी के चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल की उप सिविल सर्जन डा. सुमन विश्वकर्मा ने बताया कि भिवानी में कुष्ठ रोग के सिर्फ चार मरीज है तथा स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि एक भी मरीज कुष्ठ रोग का ना रहे, जिसके लिए नागरिक अस्पताल में सभी सुविधाएं भी मुहैया है। इसके अलावा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं रहा।

जिस भी व्यक्ति को चमड़ी में सफेद दाग व कुष्ठ की संभावनाएं नजर आती है तो वे तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। इसका मुफ्त जांच, दवा व इलाज संभव है तथा छह: माह से एक वर्ष तक एमडीटी दवाखाने से पूर्णतया ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ कोई दैवीय प्रकोप नहीं, बल्कि त्वचा संबंधी रोग है।

कुष्ठ रोग असाध्य बीमारी नहीं है, इसका उपचार संभव

जो मनुष्य की त्वचा, ऊपरी श्वसन, आंखों व शरीर के कुछ भागों को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग एक ऐसी बीमारी है, जिसकी समय पर इलाज नहीं करवाया जाए तो वह अपंगता का कारण भी बन सकती है।
उन्होंने कहा कि हमें अपने आसपास यह देखना चाहिए कि किसी व्यक्ति में कुष्ठ रोग के लक्षण तो नही हैं, यदि किसी व्यक्ति में कुष्ठ रोग के लक्षण नजर आते हैं तो उसे सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए भिजवाने में मदद करनी चाहिए।

कुष्ठ रोग असाध्य बीमारी नहीं है, इसका उपचार संभव है। उन्होंने बताया कि यदि कोई कुष्ठ रोगी मिलता है तो उसका पूरा उपचार दिया जाता है और रोगी पर उपचार संबंधित नजर भी रखी जाती है। रोगी की काउंसलिंग भी जाती है तो वह मानसिक रूप से कमजोर न पड़े।

उप सिविल सर्जन डा. सुमन विश्वकर्मा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कुष्ठ रोगियों के प्रति अपनत्व का भाव रखते थे। हमें उनकी पुण्यतिथि पर कुष्ठ रोगियों को सेवाभाव की नजर से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राणी समाज का हिस्सा है, उसके साथ किसी प्रकार का भेदभाव करना अमानवीयता है। महात्मा गांधी की इसी विचारधारा के साथ कुष्ठ रोगियों के प्रति सद्भाव रखते थे। इसलिए महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत मनाया जा रहा है।

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