- सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर से रात तक रहेगा, इसी दिन पंचक भी रहेगा
- रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त दोपहर 2:06 से रात 8:09 बजे तक
(Bhiwani News ) लोहारू। रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त के दिन श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा दोपहर 1:31 बजे तक रहेगी इसके बाद पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। पं. संतलाल पारीक ने बताया कि भद्रा का वास पाताल लोक में होने से यह अशुभ नहीं होता है। इस दिन से पंचक भी लग रहा है। 19 अगस्त को सुबह श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र लगने के कारण यह राज पंचक होगा और इसे अशुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष आचार्य प. विकास शर्मा के अनुसार भद्रा काल में उपाकर्म किया जा सकता है। इस पर रोक नहीं रहती है। इस दिन ऋग्वेदी, यजुर्वेदी ब्राह्मण उपाकर्म करॅंगे। दोपहर 1 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। इस दिन श्रवण, नक्षत्र, पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी इसी दिन रहेगी। मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर से रात तक रहेगा।
शनि देव की बहन होती है भद्रा, इसका प्रभाव रहता है
पं. विकास शर्मा ने बताया कि तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र को मिलाकर पंचांग बनाया जाता है। पंडित के अनुसार करण तिथि के आधे भाग को भद्रा कहा जाता है। विशिष्टीकरण को ही भद्रा कहते है। इसे शनिदेव की बहन भी कहा गया है। इसलिए रक्षाबंधन और होलिका दहन में भद्रा हो तो उसका निषेध माना गया है।
रक्षा सूत्र का शुभ मुहूर्त दोपहर 2:06 से रात 8:09 बजे तक सर्वश्रेष्ठ:
पंडितों के अनुसार दोपहर बहन द्वारा भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र का शुभ मुहूर्त 2:06 से रात 8:09 बजे तक सर्वश्रेष्ठ रहेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र, पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी इस दिन की महत्ता और बढ़ाऐंगे। ऐसे में यह दिन रक्षाबंधन के दिन भी खास रहेगा।