- पेंचक सिलाट खेल की तकनीक और परंपराएं खिलाडिय़ों को बनाती है समृद्ध : कोच दीपक कुमार
(Bhiwani News) भिवानी। कश्मीर के श्रीनगर स्थित शेर कश्मीर इंडौर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 16 से 18 नवंबर तक 12वीं जूनियर नेशनल पेंचक सिलाट प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। इस प्रतियोगिता में देश भर के विभिन्न प्रदेशों से करीबन करीबन चार हजार खिलाडिय़ो ने भाग लिया।
जिनमें से स्थानीय कोंट रोड़ स्थित बीसीएन स्पोर्ट्स अकादमी के तीन खिलाडिय़ों ने गोल्ड, सिल्वर व ब्रांज पदक हासिल कर खेल नगरी भिवानी का नाम एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर रोशन करने का काम किया है। पदक विजेता खिलाडिय़ों का भिवानी पहुंचने पर खेल प्रेमियों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया तथा खिलाडिय़ों का विजय जुलूस निकाला गया।
तीन खिलाडिय़ों ने ही भाग लिया था, जिसमें से तीनों खिलाडिय़ों ने पदक जीता
इस बारे में जानकारी देते हुए कोच दीपक कुमार ने बताया कि 12वीं जूनियर नेशनल पेंचक सिलाट प्रतियोगिता मे उनकी अकादमी से प्रियांशु, रहीश व खुशी तीन खिलाडिय़ों ने ही भाग लिया था, जिसमें से तीनों खिलाडिय़ों ने पदक जीता है। उन्होंने बताया कि 79 से 83 किलोग्राम भार वर्ग में प्रियांशु ने गोल्ड, 71 से 75 किलोग्राम भार वर्ग में रहीश ने सिल्वर तथा 47 से 51 किलोग्राम भार वर्ग में खुशी ने ब्रॉन्ज मैडल जीता है।
उन्होंने बताया कि विजेता खिलाड़ी अब दुबई में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेंगे। कोच दीपक कुमार ने बताया कि पंचक सिलाट एक पारंपरिक एशियाई मार्शल आर्ट है। पंचक सिलाट शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का साधन है।
इसकी तकनीक और परंपराएं खिलाडिय़ों को हर पहलू में समृद्ध बनाती हैं। इसका अभ्यास जीवन में संतुलन और आत्मनिर्भरता लाने में मदद करता है। खिलाडिय़ों की उपलब्धि पर नवदुर्गा सेवा सहयोग संस्था ने भी उन्हे बधाई दी तथा संस्था के संस्थापक सुरेश सैनी ने युवाओं से आह्वान किया कि शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी जरूर अपनाएं।
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