Bhiwani News : कोई व्यक्ति सच्चे मन से परमात्मा की खोज में होता है, तो परमात्मा उसे कभी अकेला नहीं छोड़ते : सतगुरु कंवर साहेब

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If a person is searching for God with a true heart, then God never leaves him alone: ​​Satguru Kanwar Saheb
दिनोद स्थित राधा स्वामी आश्रम में संगत को फरमाते हुए परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज।

(Bhiwani News) भिवानी। परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने गांव दिनोद स्थित राधास्वामी आश्रम में संगत को प्रेम, लगन, और तड़प को परमात्मा से मिलने का मार्ग बताया है। जब कोई व्यक्ति सच्चे मन से परमात्मा की खोज में होता है, तो परमात्मा उसे कभी अकेला नहीं छोड़ते। वे किसी भी रूप में,चाहे वह एक जीव-जंतु, पशु या पक्षी के रूप में हो, सहायता के लिए आते हैं। परमात्मा हर जगह और हर जीव में विद्यमान हैं। हमें केवल अपनी दृष्टि और मन को शुद्ध करने की आवश्यकता है ताकि हम उनकी उपस्थिति को पहचान सकें।

परमात्मा का साक्षात दर्शन नहीं होता, लेकिन वह हर किसी में किसी न किसी रूप में प्रकट होते हैं। सत्संग और सतगुरु का महत्व इसलिए बताया गया है, क्योंकि उनके माध्यम से हम जीवन की कठिनाइयों और भ्रमों से मुक्त होकर परमात्मा के निकट आ सकते हैं। परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज के वचनों में गहन आध्यात्मिक सत्य छिपा है। उन्होंने भगवान श्री राम के गुणगान के माध्यम से हमें यह याद दिलाया कि परमात्मा हमसे दूर नहीं हैं; बल्कि, हम अपनी गफलत और मानसिक अशांति के कारण उन्हें दूर मान लेते हैं।

उन्होंने तुलसीदास जी के उदाहरण से यह सिखाया कि जब हमारी लगन और संकल्प प्रबल हो जाएंगे और हमारे मन की खटपट समाप्त हो जाएगी, तो परमात्मा के दर्शन भी सहज ही हो जाएंगे। गुरु महाराज ने स्पष्ट किया कि परमात्मा से मिलने का मार्ग सतगुरु के माध्यम से होता है। सतगुरु का सत्संग और सतनाम ही कलियुग में भक्ति का सच्चा आधार है। सत्संग का महत्व इसलिए है क्योंकि यह हमारे भ्रमों का निवारण करता है और हमें सही दिशा दिखाता है। विवेक का जागरण संतों के सत्संग से ही संभव है, और यही मार्ग हमें आत्मज्ञान और परमात्मा से मिलन की ओर ले जाता है।

गुरु महाराज ने यह भी बताया कि लोगों की समस्या यह है कि वे संसार की इच्छाओं और लालसाओं से बाहर नहीं निकलते, लेकिन साथ ही वे इस भवसागर से पार भी जाना चाहते हैं। उन्होंने यह सिखाया कि बड़ा वही होता है जो बड़े और महान कार्य करता है। सबसे बड़ा व्यक्ति वह होता है जो भक्ति करता है और गुरु का सच्चा शिष्य होता है। इसलिए, गुरु महाराज ने भक्ति, नाम, और सतगुरु के मार्ग की महानता का बोध कराया, जो व्यक्ति को सांसारिक मोह से मुक्त कर मोक्ष की ओर ले जाता है।

 

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